KNEWS DESK- 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ सजा पर दिल्ली की अदालत ने अपना फैसला 25 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया। अदालत ने सज्जन कुमार के वकील को आदेश दिया कि वे अगले दो दिनों में अपना लिखित बयान दाखिल करें।
इससे पहले, अदालत ने सज्जन कुमार को इस मामले में दोषी ठहराया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता ने सज्जन कुमार को मौत की सजा देने की मांग की थी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि सज्जन कुमार ने उग्र भीड़ को उकसाया था, जिसके परिणामस्वरूप उनके पति और बेटे की हत्या कर दी गई। दंगे के दौरान हुई हिंसा में पीड़ितों के परिवार ने यह आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार का प्रत्यक्ष हाथ था, जिसके कारण उग्र भीड़ ने निर्दोष सिखों पर हमला किया।
सज्जन कुमार पर आरोप था कि उन्होंने दंगों के दौरान अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर हिंसा को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, मामले में एक अन्य आरोपी, जो दंगे के दौरान अपराधियों का साथ दे रहा था, को भी दोषी ठहराया गया था।
यह मामला 1984 के सिख विरोधी दंगों में सजा दिलवाने के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें सैकड़ों सिखों को निशाना बनाया गया था। इस फैसले के बाद पीड़ितों के परिवारों ने न्याय की उम्मीद जताई है। मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ सजा का फैसला सिख समुदाय और देशभर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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