KNEWS DESK, मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत भस्म आरती के साथ हुई। इस अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिन्हें भस्म आरती में शामिल होने का मौका मिला, वे खुद को धन्य मान रहे हैं। महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत महाकालेश्वर मंदिर से ही होती है, क्योंकि यह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे स्थान पर स्थित है।
महाशिवरात्रि की शुरुआत पूजा अर्चना से हुई
महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत रात 2:30 बजे से भगवान महाकाल की पूजा अर्चना के साथ हुई। महाकालेश्वर मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया कि प्रदोष काल में भगवान महाकाल के दर्शन का विशेष महत्व है। सबसे पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान को फलों के रस, सुगंधित इत्र और स्नान सामग्री से स्नान कराया गया।
भस्म आरती में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
भस्म आरती की परंपरा के अनुसार भगवान महाकाल को भांग, चंदन, अबीर, गुलाल और सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया, जिसके बाद विश्व प्रसिद्ध भव्य भस्म आरती हुई। पंडित महेश पुजारी ने बताया कि आज पूरे दिन महाकालेश्वर मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। भस्म आरती में भाग लेने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर पहुंचे हैं।
ढोल-नगाड़ों की गूंज में हुई बाबा की भस्मारती
महाशिवरात्रि पर्व के इस खास मौके पर महाकालेश्वर मंदिर में ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच बाबा महाकाल की भस्म आरती हुई। पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ भगवान महाकाल को भस्म अर्पित किया।
9 दिन तक मनाई जाती है महाशिवरात्रि
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों के अनुसार महाशिवरात्रि के दौरान 9 दिन तक विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। पिछले 8 दिनों से इस पूजा का आयोजन बड़े धूमधाम से हो रहा था, और आज पूजा का 9वां दिन था। इस दौरान भगवान महाकाल का अलौकिक श्रृंगार किया जाता है। बाबा महाकालेश्वर को ताजा भस्म से स्नान कराकर भस्म आरती की जाती है, जिसमें ढोल-नगाड़ों की ध्वनि गूंजती रहती है।