रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सियासत चालू

के-न्यूज, रामचरित मानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री के बाद अब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा रामचरित मानस को लेकर कहा कि रामचरित मानस को वो धार्मिक ग्रंथ नही मानते है. तुलसीदास ने रामचरित मानस अपनी खुशी के लिए लिखा था.
रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान करने वालों में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के साथ अब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम भी शामिल हो गया है. मीडिया से बाद करते हुए स्वामी प्रसाद ने कहा कि वो रामचरित मानस को धार्मिक ग्रंथ ने नही मानते है. सिर्फ पांच फीसदी हिंदू ही रामचरित मानस को धार्मिक ग्रंथ मानते है. स्वामी प्रसाद के इस बयान के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है ।

साप ने बयान से खुद को किया अलग
रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद के बयान पर सपा ने खुद को इस बयान से अलग कर लिया है. सूत्रों के हवाले से बताया कि अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद के बयान को लेकर नराजगी जताई है. वही पार्टी ने भी इस बयान से अपना किनारा कर लिया है. सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने बयान जारी कर कहा कि स्वामी प्रसाद का ये निजी बयान है.

बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने जाहिर की नराजगी
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के बयान पर बीजेपी नेता अपर्णा यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बयान पर अपर्णा यादव ने कहा कि शबरी के झूठे बेर खाकर श्रीराम ने समस्त कास्ट बैरियर को तोड़ा और झूठे बेर खाकर सतयुग में उन्होंने ने एक परम उदाहरण दिया. राम भारत का चरित्र है और राम किसी एक धर्म या मजहब के नहीं हैं. आज भी भारत में कहा जाता है बेटा हो तो राम जैसा हो, इस तरह की टिप्पणी करना बयान देना अपनी राजनीति गर्म करने के लिए किसी ने भी दिया हो वह अपने खुद के चरित्र को दिखा रहे हैं.

बागेश्वर धाम पर पर भी दिया सपा नेता ने बयान
वहीं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम पर भी बयान देते हुए कहा था कि धर्म के ठेकेदार ही धर्म का सौदा कर रहे हैं, यह देश का दुर्भाग्य है. समाज सुधारकों की कोशिशों से ही देश आज तरक्की की राह पर है लेकिन दकियानूसी सोच वाले बाबा समाज में अंधविश्वास, ढकोसला और रूढ़िवादी परंपराओं को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. सपा नेता मौर्य ने तंज कसते हुए कहा कि अगर बाबा के ही पास सारी बीमारियों का इलाज है तो सरकार ने बेकार में ही अस्पताल और मेडिकल कॉलेज चला रही है. ऐसे बाबा पर सरकार को नजर रखने की जरुरत है.

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