KNEWS DESK- संसद में विपक्ष के पहले वक्ता कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सत्र की शुरुआत देश की सच्चाई सामने लाने की बात से की। उन्होंने खासतौर पर पहलगाम में हुए आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और देश की विदेश नीति पर सवाल उठाए। गौरव गोगोई ने कहा कि संसद में देश को पूरी सच्चाई बताई जानी चाहिए ताकि आम जनता को घटनाओं की सही जानकारी मिल सके।
गौरव गोगोई ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई तथ्य साझा किए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पहलगाम के बैसरन इलाके में आतंकवादी कैसे दाखिल हुए। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कैसे पांच आतंकवादी बैसरन पहुंच कर 26 निर्दोष लोगों को गोलियों से छलनी कर गए। उनका मानना था कि विपक्ष का कर्तव्य है देशहित में इन महत्वपूर्ण सवालों को उठाना और जनता को सही जानकारी देना।
उन्होंने आगे कहा कि देश जानना चाहता है कि इन आतंकवादियों का मकसद क्या था। गौरव ने बताया कि इनका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तबाह करना था। इसके अलावा, उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सौ दिन गुजर जाने के बाद भी आतंकवादियों को पकड़ पाने में असमर्थता और उनकी गिरफ्तारी में देरी के कारण कई सवाल उठते हैं। उनका आरोप था कि आतंकवादियों को फरार होने में कहीं न कहीं मदद मिली है और सरकार इस मामले में जवाबदेह होनी चाहिए।
गौरव गोगोई ने मुंबई हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि उस वक्त की सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए, अगर उठाए होते तो पाकिस्तान की स्थिति बदल सकती थी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह किसी पूर्व सरकार की आलोचना नहीं है, बल्कि यह एक तथ्य है। उन्होंने कहा कि आज का भारत पहले जैसा नहीं रहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। आज भारत आतंक की जड़ तक जाकर उसे खत्म करने की क्षमता रखता है।
अंत में उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी राजनीतिक दलों को मिलकर काम करना होगा। गौरव गोगोई ने यह भी जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद को समर्थन देने वालों को स्पष्ट संदेश दे चुका है कि देश अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह एकजुट है।
यह भाषण विपक्ष की कड़ी आवाज को दर्शाता है, जो वर्तमान सुरक्षा स्थिति और सरकार की कार्रवाई को लेकर संसद में गहरी चिंता जाहिर करता है।