मध्य प्रदेश कफ सिरप कांड पर कांग्रेसी नेता जीतू पटवारी का हमला, बोले—“लापरवाही से गई मासूमों की जान, सरकार हत्या की आरोपी”

डिजिटल डेस्क- मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के मामले ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को राज्य और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि हत्या है।” उन्होंने कहा कि 19 तारीख को नागपुर स्वास्थ्य विभाग ने देशभर के स्वास्थ्य विभागों को रेड अलर्ट जारी किया था, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि एक संदिग्ध बीमारी से बच्चों की मौत हो रही है। बावजूद इसके, मध्य प्रदेश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और जब तक कफ सिरप पर बैन लगाया गया, तब तक छिंदवाड़ा में 8 बच्चों की मौत हो चुकी थी।

मुख्यमंत्री ने मेरे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया

पटवारी ने दावा किया कि नागपुर में उस समय 8 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 6 की मौत हो गई। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री से मैंने आग्रह किया था कि तुरंत वहां जाएं, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि आज तक 25 से ज्यादा बच्चों की जान जा चुकी है।” कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “दोनों की लापरवाही ने बच्चों की जान ली है। सिर्फ ड्रग कंट्रोलर को ट्रांसफर करना काफी नहीं है, उस पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।”

सरकार सीबीआई जांच से क्यों डर रही है?

पटवारी ने एक और गंभीर आरोप लगाया कि सोनू राणा नामक व्यक्ति, जो नड्डा के पीएस आदित्य का दोस्त है, मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में लगातार हस्तक्षेप कर रहा है। उन्होंने पूछा, “उसका राज्य के स्वास्थ्य प्रमुख सचिव से क्या रिश्ता है? अगर सब ठीक है तो सरकार सीबीआई जांच से क्यों डर रही है?”

158 बोतलें ऑन रिकार्ड, बाकि बोतलें का हिसाब कहां ?

उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले कुछ महीनों में प्रदेश में 10 साल से कम उम्र के 500 से अधिक बच्चों की मौतें संदिग्ध हालात में हुई हैं। “158 बोतल कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री का रिकॉर्ड है, लेकिन बाकी बोतलें कहां गईं? कौन से बच्चे उसे पीकर बीमार पड़े या मरे? यह सब SIT या CBI से जांच करानी चाहिए,” पटवारी ने कहा।