KNEWS DESK – मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा देने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मणिपुर के बिगड़ते हालात को लेकर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा। रमेश ने कहा कि मणिपुर में तीन मई से हिंसा जारी है और केंद्र सरकार ने इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर को छोड़कर सभी जगह गए, लेकिन मणिपुर नहीं गए, जिससे यह साबित होता है कि सरकार मणिपुर की स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रही है।
मणिपुर पर कांग्रेस की मांगें कीं स्पष्ट
जयराम रमेश ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में मणिपुर पर कांग्रेस की मांगें स्पष्ट कीं। उन्होंने कहा, “हमारी पहली मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्लियामेंट सत्र से पहले मणिपुर जाएं, वहां की पार्टियों, सामाजिक संस्थाओं और राहत शिविरों से मिलें। वह मणिपुर के सभी डेलिगेशन से मुलाकात करें और वहां की स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करें।”
रमेश ने अपनी दूसरी मांग रखते हुए कहा, “हमारी दूसरी मांग यह है कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं, ताकि इस मुद्दे पर सभी दलों के साथ विचार-विमर्श किया जा सके।” इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव ने यह भी आरोप लगाया कि 31 जुलाई 2024 से मणिपुर में एक स्थायी गवर्नर नहीं है, जिससे राज्य में प्रशासनिक स्थिति और बिगड़ गई है।
मणिपुर हिंसा पर आरोप
कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की विफलता को लेकर भी सवाल उठाए। जयराम रमेश ने कहा, “केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह लगातार एक असफल मुख्यमंत्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी के विधायक इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन गृह मंत्री ने राज्य सरकार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।” रमेश ने यह भी कहा कि एक प्रतिष्ठित आदिवासी महिला राज्यपाल को क्यों हटाया गया, यह सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।
कांग्रेस ने मणिपुर में ड्रग्स माफिया पर केंद्र सरकार की कार्यवाही पर भी सवाल उठाए। रमेश ने कहा, “अगर सरकार सच में ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है तो मणिपुर में लंबित केसों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?”
अमित शाह की मणिपुर यात्रा
कांग्रेस के आरोपों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, शाह सोमवार को मणिपुर में एक समीक्षा बैठक करेंगे, जहां हिंसा और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की जाएगी। इससे पहले रविवार को गृह मंत्रालय ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति का आकलन किया था और मणिपुर में तैनात सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
वहीं, मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और कई स्थानों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। सात जिलों में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
मणिपुर हिंसा का कारण
मणिपुर में हिंसा का सिलसिला तब और बढ़ गया जब जिरिबाम में एक नदी से तीन शव बरामद हुए। इसके बाद आक्रोशित लोग बीजेपी के विधायकों और मंत्रियों के घर पहुंचे और उन्हें देखकर उनके घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। बाद में पता चला कि मंत्री राज्य में नहीं थे, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। आरोप है कि उग्रवादियों ने इन महिलाओं का अपहरण कर हत्या कर दी।
इसके विरोध में मणिपुर की इंफाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ। हिंसा की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया और सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं।