KNEWS DESK – कांग्रेस ने सेबी (सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि माधबी पुरी बुच ने 2017 से 2019 के बीच ICICI बैंक से 16 करोड़ 80 लाख रुपये की तनख्वाह ली, जबकि इस अवधि के दौरान वे SEBI की सदस्य थीं। कांग्रेस ने इसे SEBI के सेक्शन 54 का उल्लंघन और ऑफिस ऑफ प्रोफिट का मामला बताया है।
सेबी के पद का दुरुपयोग का आरोप
पवन खेड़ा ने कहा कि माधबी पुरी बुच ने SEBI की फुल टाइम सदस्य के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए ICICI बैंक से भारी मात्रा में तनख्वाह प्राप्त की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब वे SEBI की चेयरपर्सन बनीं, तब तक की तनख्वाह में अचानक 422 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो गंभीर सवाल खड़े करता है।
ख़बरों के अनुसार, पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि इस दौरान SEBI कई मामलों की जांच कर रही थी, जिसमें ICICI बैंक के मामले भी शामिल थे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या ICICI ने कभी इस बात की घोषणा की कि वे SEBI की सदस्य को इतनी बड़ी तनख्वाह दे रहे हैं, और इसके बदले में क्या लाभ प्राप्त किया गया है।
ICICI बैंक से सवाल और जवाब
कांग्रेस ने ICICI बैंक से भी कई सवाल पूछे हैं:
- क्या ICICI ने किसी भी समय सरकार को सूचित किया कि वे SEBI की सदस्य को तनख्वाह दे रहे हैं?
- ICICI बैंक ने SEBI की चेयरपर्सन को तनख्वाह देने का क्या कारण बताया?
- क्या किसी भी लाभ के बदले में SEBI की चेयरपर्सन को यह तनख्वाह दी गई?
माधबी पुरी बुच से सवाल
पवन खेड़ा ने माधबी पुरी बुच से भी सवाल किए हैं कि:
- क्या ऐसी अन्य कंपनियां भी हैं जिनसे आप या आपके परिवार के सदस्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं?
- जिन कंपनियों पर आप जजमेंट दे रही हैं, क्या उन कंपनियों से आपके परिवार के किसी सदस्य को लाभ मिल रहा है?
कांग्रेस ने मांग की है कि यदि माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोप सही हैं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए। इस घटनाक्रम ने SEBI और ICICI बैंक के बीच के संबंधों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे को लेकर काफी चर्चा हो रही है।