KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के खैर विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव के सियासी माहौल में तेज़ी आ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज खैर में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर के समर्थन में जनसभा करेंगे। इस दौरान उनका ”बंटेंगे तो कटेंगे” बयान सुर्खियों में बना हुआ है, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके अलावा, जाट बाहुल्य क्षेत्र में राजा महेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी गूंज सकता है, जिससे क्षेत्रीय सियासत में हलचल और तेज हो सकती है।
यही नहीं, खैर का सियासी ताप आगामी दिनों में और बढ़ सकता है, क्योंकि 14 नवंबर को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस क्षेत्र में जनसभा करने वाले हैं। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रमुख नेता भी इस उपचुनाव में सक्रिय दिखाई देंगे, जिससे यह इलाका पूरी तरह सियासी मंच बन सकता है।
जनसभा की तैयारियां और समस्याएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन स्थल पर कुछ व्यवस्थाओं को लेकर समस्याएं भी सामने आईं। जनसभा स्थल, जो खैर कोतवाली के सामने स्थित है, में मुख्य द्वार पर अतिक्रमण की समस्या थी। यहां फुटपाथ पर कई खोखे रखे हुए थे, जिससे लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही थी। हालांकि, प्रशासन ने रातभर सफाई और व्यवस्था सुधारने का काम किया और भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्ण पाल सिंह लाला ने भरोसा दिलाया कि सुबह तक सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी।
मंच के पीछे भी साफ-सफाई की कमी दिखी, जहां कूड़े के ढेर लगे हुए थे। लेकिन इस पर भी देर रात तक काम जारी था और उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री के आगमन से पहले सारे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
योगी का हेलिकॉप्टर उतरेगा 11 किलोमीटर दूर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर जनसभा स्थल से 11 किलोमीटर दूर करसुआ स्थित आईटीएम कॉलेज में उतरेगा। वहां से सड़क मार्ग से मुख्यमंत्री जनसभा स्थल तक पहुंचेंगे। पहले यह जानकारी थी कि हेलीकॉप्टर सीधे जनसभा स्थल पर उतरेगा, लेकिन स्थान की कमी के कारण इसे 11 किलोमीटर दूर उतारने का निर्णय लिया गया।
खैर में सियासी गतिविधियां: प्रमुख नेताओं की जनसभाएं
खैर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी-अपनी ताकत झोंकने में जुटे हैं। 14 नवंबर को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव अपनी पार्टी के प्रत्याशी चारू कैन के समर्थन में जनसभा करेंगे। इसके अलावा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती की जनसभाओं के प्रयास भी जारी हैं, ताकि चुनावी माहौल में अपने-अपने पक्ष में अधिक से अधिक जनसमर्थन जुटाया जा सके।
खैर विधानसभा सीट पर मतदान 20 नवंबर को होगा और इस उपचुनाव को सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का एक अवसर मान रहे हैं। जहां भाजपा अपनी उपलब्धियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर जोर दे रही है, वहीं सपा, कांग्रेस और बसपा के नेता भी इस चुनाव को अपनी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण मानते हुए चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं।
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