KNEWS DESK- लखनऊ में आज संविधान दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संविधान के महत्व और भारतीय लोकतंत्र की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान के संदर्भ में कुछ अहम बिंदुओं पर अपनी बात रखी।
सीएम योगी का बयान: “दो शब्द जोड़ने का किया गया था प्रयास”
कार्यक्रम में अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारतीय संविधान की ऐतिहासिक भूमिका को स्वीकारते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान में “सेक्युलर” और “सोशलिस्ट” जैसे शब्द नहीं थे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इन शब्दों को संविधान में चुपके से जोड़ने का काम किया। उनका कहना था कि ये शब्द संविधान के मूल उद्देश्य को प्रभावित करते हैं और इनको जोड़ने का प्रयास संविधान की आत्मा को कमजोर करने जैसा था।
संविधान के मूल कर्तव्यों का निर्वहन जरूरी
सीएम योगी ने आगे कहा कि भारतीय संविधान 140 करोड़ भारतीयों को जोड़ने का कार्य करता है और यह देश की एकता, अखंडता और विविधता को सम्मान देता है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब हम अपने मूल कर्तव्यों का पूरी तरह से निर्वहन करेंगे। योगी ने यह भी घोषणा की कि पूरे वर्ष संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि लोग संविधान के महत्व और इसके द्वारा दिए गए अधिकारों को समझ सकें।
साथ में थे डिप्टी सीएम और अन्य मंत्री
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। सभी नेताओं ने संविधान के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला।
संविधान दिवस के महत्व पर चर्चा
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संविधान के महत्व को समझाना और हर नागरिक को इसके अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराना था। संविधान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम ने भारतीय लोकतंत्र की नींव को मजबूती देने के लिए संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।