डिजिटल डेस्क- सिख पंथ के संस्थापक और प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव जी के 556वें प्रकाश पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ स्थित डीएवी कॉलेज में आयोजित समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने गुरु नानक देव जी के जीवन, शिक्षाओं और समाज के प्रति उनके योगदान को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि “गुरु नानक देव भारत के उच्च कोटि के आध्यात्मिक महापुरुष थे। उन्होंने समाज के संगठन, समानता और सेवा का जो संदेश दिया, वही आज भारत की सामाजिक व्यवस्था की नींव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय जब भारत विदेशी आक्रांताओं की बर्बरता झेल रहा था, मंदिरों को तोड़ा जा रहा था और आस्था पर प्रहार हो रहे थे, तब गुरु नानक देव बिना भय और दबाव के समाज को सच्चे मार्ग पर ले जा रहे थे। उनके उपदेश आज भी समाज को एकता, करुणा और मानवता के रास्ते पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
सेवा, एकता और संगठन… सिख पंथ की मूल भावना- सीएम योगी
योगी ने कहा, “हम मजबूत रहेंगे तो हर कोई हमारी आस्था का सम्मान करेगा। गुरु नानक देव जी ने मिल-बांटकर खाने, गरीबों की सेवा करने और समाज में एकता स्थापित करने का जो संदेश दिया, वही भारत की सांस्कृतिक शक्ति की पहचान है।” उन्होंने कहा कि आज जब कुछ क्षेत्रों में धर्मांतरण जैसी गतिविधियां सामने आती हैं, तो सिख पंथ की मूल भावना सेवा, एकता और संगठन को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
वीरता भरे कार्यों का किया उल्लेख
सीएम योगी ने सिख इतिहास के वीरता भरे अध्याय का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना कर समाज के हर वर्ग को जोड़ा था। उन्होंने कहा कि हमें उसी एकता और बलिदान की भावना को फिर से जीवंत करना होगा। “सिख गुरुओं और महापुरुषों का बलिदान हमारे लिए प्रेरणास्रोत है,” उन्होंने कहा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि यही भारत की आत्मा और संस्कारों की पहचान है। उन्होंने प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देते हुए सभी से गुरु नानक देव जी के उपदेशों को जीवन में आत्मसात करने की अपील की।