डिजिटल डेस्क- लखनऊ में शनिवार को डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पांचवें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सात डॉक्टरों को डायरेक्टर मेरिट अवॉर्ड और डायरेक्टर सेंटर ऑफ एक्सिलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया। सीएम ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि लोहिया संस्थान ने बीते वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में जो प्रगति दिखाई है, वह प्रशंसनीय है।
संस्थान ने पिछले पांच वर्षों में की अभूतपूर्व प्रगति- सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोहिया संस्थान लंबे समय तक केवल एक अस्पताल की तरह कार्य करता रहा, लेकिन पिछले पांच वर्षों में इसने अभूतपूर्व प्रगति की है और अब यह देश के टॉप-3 संस्थानों में शुमार हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि हमारी दिशा सही है और नेतृत्व मजबूत है। लेकिन हमें यहीं रुकना नहीं है, बल्कि समय से दो कदम आगे बढ़कर काम करना होगा। उन्होंने श्याम नारायण पांडेय की कविता का उल्लेख करते हुए कहा, “ये महाकाल का आसन है, इस पर नहीं किसी का शासन है। पद समय के अनुसार चलते हैं। अगर हम समय के अनुसार नहीं ढलेंगे, तो कोई हमें पहचान नहीं पाएगा।”
यहां न केवल यूपी, बल्कि बिहार और नेपाल के मरीजों के लिए भी बड़ा केंद्र
सीएम योगी ने नेपाल की परिस्थितियों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की सरकार ने लोगों की भावनाओं को अनदेखा किया, और आज उसके परिणाम सबके सामने हैं। उन्होंने कहा कि हमें संवेदनशील रहते हुए सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा ताकि संस्थान की सेवाओं पर आमजन का भरोसा और मजबूत हो। सीएम ने कहा कि लोहिया संस्थान की भौगोलिक स्थिति बेहद अहम है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश से आने वाले मरीजों के लिए एक मुख्य द्वार है। यहां न केवल यूपी, बल्कि बिहार और नेपाल से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में संस्थान को अपने संसाधनों और सेवाओं को उसी अनुपात में ढालने की जरूरत है।
डिप्टी सीएम ने किया विस्तार का ऐलान
समारोह में मौजूद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संस्थान के बुनियादी ढांचे के विस्तार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान कैंपस छोटा पड़ रहा है और मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में संस्थान का विस्तार जरूरी है। पाठक ने बताया कि जल्द ही बगल की दूरदर्शन की जमीन लोहिया संस्थान को उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रक्रिया को अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग का लक्ष्य
कार्यक्रम में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी संस्थान के निदेशक और स्टाफ को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जारी होने वाली मेडिकल संस्थानों की रैंकिंग में वह केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान और गौतमबुद्धनगर के संस्थानों को टॉप-5 में देखना चाहते हैं। इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।