सरकार और बिजली कर्मी के बीच बातचीत रही बेनतीजा… 29 कर्मियों पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के तहत होगी कर्रवाई

लखनऊ, बिजली कर्मियों के तीन की हड़ताल के दूसरे यूपी के कई गांवों और शहरों के हाव काफी खराब होंगे. कई गांवों में कई घंटों से बिजली की सप्लाई पूरी तरह से बाधित है. यही कुछ हाल शहरों के कई इलाकों का भी है. शनिवार रात यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री ने विद्युत कर्मियों के नेताओं के साथ मुलकात कर बैठक भी की लेकिन ये बैठक पूरी तरह से बेनतीजा रही. सरकार ने हड़ताल के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए 29 कर्मियों पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून लगाया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद स्थिति की समीक्षा की. साथ ही आपूर्ति में बाधा डालने वाले तथा अराजकता पैदा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का निर्देश दिए. पावर कॉरपोरेशन ने 16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया गया है. तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है.

22 कर्मचारी नेता समेत कुल 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. सात मैनपावर एजेंसी के प्रबंधकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. वहीं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि सभी पदाधिकारी लखनऊ में मौजूद हैं. सरकार गिरफ्तार करे. कॉरपोरेशन प्रदेश भर में 18 से 24 घंटे आपूर्ति का दावा कर रहा है.

 

बातचीत से नही मिला कोई हल

ऊर्जा मंत्री के साथ संघर्ष समिति के नेताओं की शनिवार रात करीब 10 बजे बैठक हुई. घंटेभर हुई बातचीत में कर्मचारी नेताओं ने सभी मांगों को माने जाने और दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की. ऊर्जा मंत्री ने तत्काल मांगें माने जाने पर असमर्थता जताई. इस पर नेताओं ने फिर से बातचीत होने की बात कही.

 

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