KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से उन्नत, टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार रात मुख्यमंत्री ने ‘उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (यूपी एग्रीज)’ की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य में ‘डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम’ की प्रक्रिया को तेज़ किया जाए।
उन्होंने कहा कि फसल, मौसम, बीज, सिंचाई, उर्वरक, बीमा, बाजार, लॉजिस्टिक्स और संस्थागत सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रियल टाइम में उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश में एक समर्पित डिजिटल कृषि नीति तैयार की जाएगी, जो राष्ट्रीय तकनीकी मानकों पर आधारित होगी और सुरक्षित साइबर संरचना के साथ नवाचार आधारित अनुसंधान को भी प्रोत्साहित करेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘बीज से बाजार’ तक की पूरी प्रक्रिया को एक समग्र दृष्टिकोण से जोड़ा जाए। यह परियोजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने और कृषि को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का भी जरिया बनेगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, परियोजना को कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और किसान उत्पादक संगठनों के साथ समन्वय कर क्रियान्वित किया जाए।
यह महत्वाकांक्षी परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से ₹4000 करोड़ (यूएस $500 मिलियन) की लागत से शुरू की जा रही है। यह योजना पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के 28 जिलों में छह वर्षों की अवधि के लिए लागू की जाएगी।