हिजाब विवाद के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर बिहार पुलिस ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है और उनका सुरक्षा घेरा और कड़ा करने का फैसला लिया गया है। पुलिस को आशंका है कि हिजाब प्रकरण के बाद कुछ असामाजिक और आपराधिक तत्व सीएम को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। इसी को देखते हुए डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षा इंतजामों पर मंथन किया।
दरअसल, यह पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब दो दिन पहले नीतीश कुमार आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के चेहरे से हिजाब हटाने की कोशिश की, जिसका वीडियो सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ गया। विपक्ष ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला, जबकि सत्तापक्ष के कुछ नेताओं ने उनका बचाव किया है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उनका तर्क था कि जब कोई नियुक्ति पत्र लेने आता है तो चेहरा दिखाने में डर क्यों होना चाहिए, जैसे वोट डालते समय पहचान के लिए चेहरा दिखाना पड़ता है। वहीं, जेडीयू मंत्री जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ एक मुस्लिम बेटी के प्रति स्नेह दिखाया है और वह चाहते थे कि समाज उस लड़की का चेहरा देखे, जिसने सफलता हासिल की है।
दूसरी ओर विपक्षी दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने कहा कि नीतीश कुमार का यह व्यवहार मुस्लिम महिलाओं के लिए अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ डिग्री दी जा रही है और दूसरी तरफ हिजाब हटवाया जा रहा है, जो किसी भी तरह से सही नहीं है।
महबूबा मुफ्ती ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नीतीश कुमार को वह निजी तौर पर जानती हैं और उनकी तारीफ भी करती रही हैं, लेकिन एक मुस्लिम महिला का नकाब हटाते देखना उनके लिए बेहद चौंकाने वाला था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह उम्र का असर है या फिर मुसलमानों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना अब सामान्य बात हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आसपास खड़े लोगों का इस घटना को मनोरंजन की तरह देखना और भी परेशान करने वाला है।
इस मामले में AIMIM ने भी मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि एक सम्मानित महिला आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब जबरन हटाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। AIMIM ने मांग की कि अगर मुख्यमंत्री में नैतिकता बची है तो उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए।