KNEWS DESK- दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों के बसाने का मुद्दा उठाया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के 2022 के एक ट्वीट पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को केंद्र सरकार ने बसाया है। आतिशी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली के नागरिकों के हक को नज़रअंदाज़ कर रोहिंग्याओं को सुविधा प्रदान कर रही है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या केंद्र सरकार इंडो-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा करने में विफल रही है।
दिल्ली के लॉ एंड ऑर्डर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी संदर्भ में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। केजरीवाल ने दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की और अमित शाह से चर्चा के लिए समय मांगा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है, लेकिन वर्तमान स्थिति चिंताजनक है।
केजरीवाल ने अपने पत्र में बताया कि दिल्ली महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भारत के 19 मेट्रो शहरों में पहले स्थान पर है। साथ ही, हत्या के मामलों में भी दिल्ली सबसे ऊपर है। उन्होंने बताया कि राजधानी में जबरन वसूली वाले गैंग सक्रिय हो गए हैं, एयरपोर्ट और स्कूलों को धमकियां मिल रही हैं, और ड्रग्स से संबंधित अपराधों में 350% की वृद्धि दर्ज की गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि “दिल्ली अब अपराध की राजधानी के रूप में पहचानी जा रही है, जो देश-विदेश में हमारी छवि को नुकसान पहुंचा रही है।” केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए अस्वीकार्य है और इसे तत्काल प्रभाव से सुधारा जाना चाहिए।
दिल्ली की कानून व्यवस्था और रोहिंग्या मुद्दे पर केंद्र सरकार की भूमिका पर उठ रहे सवाल निश्चित रूप से एक गंभीर बहस की आवश्यकता को दर्शाते हैं। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इन चिंताओं का क्या जवाब देती है और स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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