KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को लोकभवन सभागार में आयोजित भव्य समारोह में 2,425 नवचयनित मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया का उदाहरण बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में भेदभाव के आधार पर नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर चयन हो रहा है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले नियुक्तियों में “बंदरबांट” होती थी, लेकिन अब पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब चयन प्रक्रिया निष्पक्ष होती है, तो शामली, आजमगढ़ और दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों की बेटियां भी आगे आती हैं। थारू जनजाति की बेटी को चयन मिलना इस प्रक्रिया की प्रमाणिकता को दिखाता है।”
योगी ने सभी नवचयनित मुख्य सेविकाओं से कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में सेविकाओं की भूमिका ‘मां यशोदा’ जैसी है, जो हर बच्चे की देखभाल को अपना कर्तव्य मानती हैं।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “जो लोग प्रदेश को बीमारू बनाकर छोड़ गए, आज वही लोग अच्छे कामों का भी विरोध कर रहे हैं। जब हम जर्जर विद्यालयों की मरम्मत कर रहे हैं, बाल वाटिका बना रहे हैं, तो विरोध करने वाले सामने आ जाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण प्राथमिकता से किया जा रहा है क्योंकि अगर बचपन मजबूत होगा तो प्रदेश की युवाशक्ति भी आत्मनिर्भर बनेगी।
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में अब बेटियों के साथ न्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि,
“बेटियों को ये कहकर बड़ा किया जाता है कि उन्हें पराये घर जाना है, लेकिन हम उन्हें इस तरह सशक्त बना रहे हैं कि जब वे जाएं तो आत्मनिर्भर होकर जाएं।” उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश सरकार ने 4.77 लाख कन्याओं का विवाह सहयोग से कराया है।