डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए स्मार्ट, स्ट्रिक्ट और सेंसिटिव पुलिसिंग के महत्व पर जोर दिया। लखनऊ में डीजीपी-आईजी कांफ्रेंस के दौरान सीएम योगी ने कहा कि चाहे थाना अध्यक्ष हों, दरोगा हों या जिले के एसएसपी और अन्य अधिकारी हों, सभी को जनता और जन प्रतिनिधियों से बेहतर संवाद करना अनिवार्य है। सीएम ने स्पष्ट किया कि सिर्फ मुख्यालय में बैठकर पोलिसिंग नहीं की जा सकती। जनता के बीच जाकर उनके पीड़ा और शिकायतों को समझना ही पुलिसिंग की वास्तविक ताकत है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि महीने में कम से कम एक बार जन प्रतिनिधियों से संवाद बनाना चाहिए। यह लोकतांत्रिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इससे आम आदमी के मन में पुलिस के प्रति सकारात्मक धारणा विकसित होती है।
थाना, सर्किल और क्षेत्र स्तर पर संवाद कायम रहना चाहिए- सीएम योगी
योगी आदित्यनाथ ने पुलिस के आपसी सहयोग और संवाद पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि थाना, सर्किल और क्षेत्र स्तर पर संवाद कायम रहना चाहिए। पुलिस के दोस्ताना व्यवहार से आम जनता का भरोसा बढ़ता है और अधिकारियों के ट्रांसफर या पोस्टिंग पर प्रतिक्रिया भी सामने आती है। सीएम ने कहा कि जब अच्छे अधिकारियों का ट्रांसफर होता है तो लोग उनके पक्ष में प्रतिक्रिया देते हैं और खराब अधिकारियों के हटने पर राहत जताते हैं। सीएम योगी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ कांफ्रेंस में पुलिसिंग का स्मार्ट सूत्र साझा किया था।
पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार का किया जिक्र
ह्यूमन इंटेलिजेंस के माध्यम से जमीन से प्राप्त जानकारी अधिकारियों को वास्तविक स्थिति समझने में मदद करती है। प्रार्थना पत्र और शिकायतों से भी पुलिस को जनता की समस्याओं का अहसास होता है। उन्होंने प्रदेश में पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार का जिक्र करते हुए कहा कि अब जिलों में हाई-राइज पुलिस बैरक बनाए गए हैं। 36 फीसदी महिला पुलिसकर्मी व्यवस्था का हिस्सा हैं और मिशन शक्ति के तहत महिला बीट अधिकारियों को स्कूटी जैसी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। पीएसी और महिला वाहिनी का गठन जनता की सुरक्षा को मजबूत करता है।