KNEWS DESK – छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं के अद्भुत संगम का प्रतीक तीजा मिलन समारोह इस वर्ष खास उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के निवास पर पहुंचकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की और उपस्थित महिलाओं को तीजा की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने आयोजन की सराहना करते हुए इसे छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देने का प्रयास बताया। उन्होंने वर्मा को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
अतिथियों का आत्मीय स्वागत और शुभकामनाएं
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने अपने निवास पर समारोह में आए सभी अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि तीजा का त्योहार छत्तीसगढ़ की परंपराओं में महिलाओं के स्नेह और सम्मान का प्रतीक है। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, पद्मश्री अनुज शर्मा, और मोतीलाल साहू ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
लोक संगीत और संस्कृति की शानदार प्रस्तुति
समारोह में छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार महादेव हिरवानी और उनके दल द्वारा प्रस्तुत किए गए छत्तीसगढ़ी लोक संगीत और नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। उनकी प्रस्तुति ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत कर दिया, जिससे उपस्थित जनसमूह मंत्रमुग्ध हो गया। इस अवसर पर लोक संस्कृति का जो रंग बिखरा, उसने समारोह को और भी खास बना दिया।
अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
समारोह में विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, और पूर्व सांसद सुनील सोनी भी शामिल हुए। इन सभी ने समारोह में उपस्थित माताओं और बहनों को तीजा पर्व की शुभकामनाएं दीं और इस आयोजन की प्रशंसा की।
महिलाओं की विशेष उपस्थिति
इस वर्ष तीजा मिलन समारोह में बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं से मिलकर तीजा की बधाइयां लीं और त्योहार की खुशियों का आनंद उठाया। महिलाओं की भारी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया, जिससे छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहारों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतीकात्मक महत्व और भी स्पष्ट हुआ।
समारोह की झलक
तीजा मिलन समारोह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपराओं का अद्वितीय उदाहरण है। इस अवसर पर पारंपरिक संगीत, नृत्य और उत्साह ने सभी के दिलों को छू लिया, और पूरे आयोजन ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक गरिमा को और अधिक उभारा।