KNEWS DESK – राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि माता-पिता अपने जीवन की गाढ़ी कमाई लगाकर बच्चों को सरकारी नौकरी की तैयारी करवाते हैं। समय पर भर्तियां पूरी नहीं होने से न सिर्फ युवा बल्कि पूरे परिवार को निराशा हाथ लगती है। राज्य सरकार इस वर्ष 1 लाख सरकारी नौकरियां देकर युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने इन भर्तियों को समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से पूरा करने के लिए सभी विभागों को मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए।
सीएस की अध्यक्षता में बनेगी उच्च स्तरीय कमेटी
आपको बता दें कि सीएम शर्मा ने भर्तियों की प्रगति की नियमित अंतराल पर समीक्षा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कमेटी भर्तियों में आने वाली व्यवहारिक बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देने और नियमित मॉनिटरिंग का कार्य करेगी।
उन्होंने गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में विभिन्न विभागों में भर्तियों की स्थिति के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भर्ती एजेंसियां भर्ती प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए कम पदों की भर्तियों को एकसाथ आयोजित करने पर भी विचार करे। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि एक जैसे पदों के लिए अलग-अलग विभागों में अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है, जिससे समय, संसाधनों और श्रम का नुकसान होता है। साथ ही, अभ्यर्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इसे देखते हुए समान पदों के लिए समान पात्रता लागू करने के लिए नियमों में सरलीकरण तथा एकरूपता लाने के भी निर्देश दिए।
लंबित भर्ती प्रकरणों का समय पर हो निस्तारण
सीएम शर्मा ने कहा कि जिन भर्तियों की परीक्षाएं आयोजित हो चुकी हैं, उनके परिणाम जारी करने और दस्तावेज सत्यापन का कार्य विभागों के स्तर पर त्वरित गति से किया जाए। उन्होंने विभिन्न कारणों से न्यायालय में लम्बित भर्ती प्रकरणों में विभागों की ओर से प्रभावी पैरवी किये जाने के निर्देश दिए, ताकि इन प्रकरणों का समय पर निस्तारण हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन के लिए जिलों में स्थायी परीक्षा केन्द्र विकसित किए जाएं तथा वहां सीसीटीवी सहित अन्य सुरक्षा इंतेजाम किए जाएं ताकि परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ियां नहीं हों।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण अपर्णा अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव मुख्यमंत्री आलोक गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।