शिव शंकर सविता- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह संग्रहालय भारत के शौर्य, स्वाभिमान और सांस्कृतिक वैभव का प्रेरणास्थल बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भवन निर्माण कार्य जनवरी तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय केवल इतिहास का स्थिर प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारत की गौरवगाथा का जीवंत अनुभव कराएगा। संग्रहालय में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।
शिवाजी महाराज का होगा सजीव चित्रण
‘शिवाजी एवं द ग्रेट एस्केप गैलरी’ में 7D तकनीक के माध्यम से आगरा किले से शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक मुक्ति का सजीव चित्रण होगा। वहीं ‘अग्रदूतों की गैलरी’ में 1857 के अमर सेनानियों लक्ष्मीबाई, नाना साहेब और तात्या टोपे जैसी विभूतियों की गाथा आधुनिक तकनीक से प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा ‘त्योहारों’ और ‘नदियों’ की गैलरियों में उत्तर प्रदेश की आस्था, लोकजीवन और उत्सव परंपराओं का इंटरएक्टिव चित्रण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गैलरी और स्थापत्य तत्व उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा को प्रतिबिंबित करें।
देव दीपावली और गंगा महोत्सव की भी की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने देव दीपावली और गंगा महोत्सव की तैयारियों की भी समीक्षा की। यह आयोजन 1 से 5 नवंबर तक चलेगा। 5 नवंबर को गंगा तट पर भव्य देव दीपावली मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि घाटों पर प्रकाश, सजावट, दीपदान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी उच्च गुणवत्ता और समयबद्धता से पूरी की जाए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहे और स्मार्ट लाइटिंग, थीम इंस्टालेशन, ड्रोन व सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सुरक्षा उपकरण और लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि देव दीपावली में क्लीन काशी, ग्रीन काशी और डिवाइन काशी के दर्शन श्रद्धालुओं को अभिभूत करेंगे। उन्होंने नाविक समुदाय को इस आयोजन का अभिन्न हिस्सा बताते हुए उन्हें सुरक्षा उपकरण और लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ में जल्द ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ तैयार होगा, जो भारतीय नौसेना की वीरता और सामुद्रिक क्षमता का जीवंत प्रतीक बनेगा। यह संग्रहालय जहाज के अमूर्त रूप में डिजाइन किया जा रहा है, जिसमें नौसैनिक वास्तुकला, समुद्री प्रतीक और हरित निर्माण तकनीक की झलक मिलेगी।