छठ महापर्व 2025: छठ पूजा पर अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का करें जाप…

KNEWS DESK- सनातन धर्म में छठ महापर्व का विशेष स्थान है। यह व्रत न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति, जल, सूर्य और मानव जीवन के बीच संतुलन का भी संदेश देता है। यह पर्व मुख्यतः सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली आती है।

इस वर्ष छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर से नहाय-खाय के साथ हो चुकी है। 26 अक्टूबर को खरना मनाया जाएगा। 27 अक्टूबर की शाम को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य (डूबते सूर्य) को अर्घ्य देंगे। 28 अक्टूबर की सुबह उदयगामी सूर्य (उगते सूर्य) को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन किया जाएगा। यह चार दिनों तक चलने वाला व्रत अत्यंत कठोर होता है, जिसमें व्रती पूर्ण शुद्धता, संयम और श्रद्धा के साथ सूर्य देव की आराधना करते हैं।

छठ पूजा में सूर्य देव के लिए विशेष मंत्र

1. सूर्य मंत्र

मंत्र“नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे।
आयुर्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते॥”

इस मंत्र के जाप से शरीर से रोग दूर होते हैं और आयु, आरोग्य तथा वैभव की प्राप्ति होती है।

2. सूर्य गायत्री मंत्र

मंत्र“ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याधिकराय धीमहि।
तन्नो आदित्यः प्रचोदयात्॥”

यह गायत्री मंत्र सूर्य देव की ऊर्जा से जुड़ने का श्रेष्ठ माध्यम है। इसके जाप से शरीर में शक्ति, मन में आत्मविश्वास और जीवन में प्रकाश का संचार होता है।

सूर्य बीज मंत्र

मंत्र“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥”

यह बीज मंत्र अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। इसके नियमित जाप से नेत्रज्योति बढ़ती है और मानसिक तनाव कम होता है। यह मंत्र साधक को सूर्य की दिव्य ऊर्जा से जोड़ता है।