छांगुर बाबा केस: ATS पहुंची उतरौला के मधपुर, विदेशी फंडिंग और धर्मांतरण के नेटवर्क की जांच तेज़

KNEWS DESK- अवैध धर्मांतरण और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) की एक टीम उतरौला के मधपुर गांव पहुंची, जहां छांगुर का आवास है। दोपहर करीब 1:30 बजे एक स्कॉर्पियो वाहन से एटीएस की टीम छांगुर को लेकर मौके पर पहुंची।

एटीएस की टीम गांव के पीछे के रास्ते से छांगुर के मकान में दाखिल हुई और तत्काल छानबीन शुरू कर दी। मधपुर की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल ने आवागमन रोक दिया था, जिससे आम जनता इलाके में प्रवेश न कर सके। सूत्रों के मुताबिक, ATS टीम को छांगुर के घर से महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक संबंधी रिकॉर्ड और संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हाथ लगे हैं।

जांच में सामने आया है कि पिछले तीन वर्षों में छांगुर बाबा को लगभग 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली है। इसमें से 200 करोड़ की पुष्टि सुरक्षा एजेंसियों ने कर दी है, जबकि 300 करोड़ रुपये नेपाल के रास्ते हवाला और बैंक खातों के जरिए भारत भेजे गए।

नेपाल के रास्ते चल रहा था फंडिंग खेल

  • काठमांडू, नवलपरासी, रुपनदेही और बांके जैसे नेपाल के सीमावर्ती जिलों में 100 बैंक खाते खुलवाए गए।

  • इन खातों में पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और तुर्किये से पैसा भेजा गया।

  • एजेंट 4–5% कमीशन लेकर यह रकम नकद में निकालते और भारत में छांगुर के नेटवर्क तक पहुंचाते थे।

  • फंड ट्रांसफर में कैश डिपॉजिट मशीन (CDM) का भी इस्तेमाल किया गया।

रायबरेली में पकड़े गए साइबर अपराधियों को भी इसी नेटवर्क का हिस्सा बताया जा रहा है। ये लोग न केवल पाकिस्तान और दुबई से जुड़े थे, बल्कि इनका लेनदेन भी करीब 700 करोड़ रुपये तक पहुंचा। इस गिरोह ने अयोध्या, लखनऊ, बलरामपुर और गोंडा में भी बड़े पैमाने पर धनराशि पहुंचाई।

ATS की नजर अब इन बिंदुओं पर:

  1. छांगुर के घर से मिले दस्तावेजों में धर्मांतरण से जुड़ी योजनाएं और टारगेट इलाकों की सूची।

  2. नेपाल से आए धन का वास्तविक स्रोत और उपयोग।

  3. छांगुर के संपर्क में रहे राजनीतिक या अन्य रसूखदार लोग।

  4. मनी ट्रांसफर में शामिल मनी एक्सचेंजर और हवाला ऑपरेटर।

एटीएस सूत्रों के अनुसार, छांगुर से मिली जानकारी के आधार पर कई जिलों में और छापेमारी की तैयारी है। साथ ही, इस पूरे नेटवर्क की आर्थिक जड़ें भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग के जरिए जांच के दायरे में लाई जा रही हैं।

ये भी पढ़ें-   राहुल गांधी का बीजेपी पर बड़ा हमला, कहा- बिहार में भी चुनाव चोरी की तैयारी, ओडिशा सरकार चला रहे हैं अरबपति