इतिहास रचने की तैयारी में चंद्रयान- 3, 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग, जानें हर अपडेट

KNEWS DESK- चंद्रयान-3 इतिहास रचने की तैयारी में हर पल आगे बढ़ता ही जा रहा है। चंद्रयान-3 चांद की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया है और अब लैंडर विक्रम के अलग होने का प्रोसेस भी शुरू है। इसरो की तरफ से बताया गया था कि लैंडर 17 अगस्त यानि सुबह अलग होगा।

23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग

अब आगे के प्रोसेस की बात करें तो अलग होने के बाद लैंडर विक्रम को 30 किमी के निकटतम बिंदु (पेरिल्यून) और 100 किमी के सबसे दूर बिंदु (अपोल्यून) वाली कक्षा में स्थापित करने के लिए “डीबूस्ट” (धीमा करने की प्रक्रिया) से गुजरना होगा। इस कक्षा में पहुंचने के बाद 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश होगी। इसरो साइंटिस्ट्स का मानना है कि इस बार लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड हो जाएगा।

ISRO ने ट्वीट कर दी जानकारी

इससे पहले ISRO की तरफ से ट्वीट कर बताया गया था कि ‘‘चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका पहले से अनुमान लगाया गया था। इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई.” चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। इसके बाद इसने छह, नौ और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया और चांद के और नजदीक पहुंचता गया।

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने लैंडिंग को लेकर जानकारी देते हुए कहा था कि लैंडिंग का सबसे जरूरी हिस्सा लैंडर के वेग को 30 किलोमीटर की ऊंचाई से अंतिम लैंडिंग तक लाने की प्रक्रिया है और व्हीकल को हॉरिजॉन्टल से वर्टिकल डायरेक्शन में पहुंचाने की क्षमता वो प्रक्रिया है जहां हमें अपनी काबिलियत दिखानी होगी।

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