KNEWS DESK- चंद्रयान-3 को 23 अगस्त यानी आज शाम को 6:04 पर 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड कराया जाएगा और अब ये समय बहुत पास आ चुका है|चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर अपने साथ प्रज्ञान रोवर ले गया है| जो लैंडिंग के बाद के कार्य को पूरा करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा| चलिए आपको बताते हैं कि प्रज्ञान किस तरह से काम करेगा?
इतनी लागत में तैयार हुआ चंद्रयान-3
14 जुलाई को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 को करीब 615 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है| चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने जा रहा है| यहां अब तक कोई देश नहीं पहुंचा|
प्रज्ञान रोवर की पूरी जानकारी
विक्रम लैंडर के साथ भेजा गया प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर चलेगा और जांच करना शुरू करेगा| रोवर छह पहियों वाला रोबोटिक व्हीकल है, जो चंद्रमा पर चलेगा और तस्वीरें लेगा| यह चंद्रमा का वायुमंडल बनाने वाले तत्वों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करेगा| रोवर का वजन 26 किलोग्राम है, जो 14 दिन तक काम करेगा|
प्रज्ञान रोवर के पहिए पर इसरो का लोगो और भारत का प्रतीक चिह्न है| इसलिए रोवर जब चंद्रमा की सतह पर चलेगा तो भारत के कदमों के छाप छोड़ेगा| बाहर आने के बाद प्रज्ञान विक्रम की तस्वीर खीचेगा| ऐसे ही विक्रम से रोवर की तस्वीर लेगा| इन तस्वीरों के जरिए साड़ी जानकारी धरती पर भेजी जाएगी| रोवर चंद्रमा की सतह पर आगे बढ़ेगा और वहां डेटा इकट्ठा करने का काम करेगा| उसकी मिट्टी का विश्लेषण करेगा| जिससे जानकारी मिलेगी कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर गर्मी कितनी रहती है| यहां भूकंप आने की समस्या है या नहीं|