चंपाई सोरेन ने झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन को लिखी चिट्ठी, कहा- ‘आपके सिवा कोई नहीं…’

KNEWS DESK- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन शुक्रवार, 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने जा रहे हैं। चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन के साथ ही सोरेन ने झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन को एक भावुक चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें उन्होंने अपने दिल की बात साझा की है।

चंपाई सोरेन का इस्तीफा और भावुक पत्र

चंपाई सोरेन ने झामुमो की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से त्यागपत्र देने के बाद एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्यागपत्र दिया। झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा।” इसके साथ ही उन्होंने अपने इस्तीफे की चिट्ठी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की।

चिट्ठी में चंपाई सोरेन ने शिबू सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा, “आप वर्तमान में राजनीति से दूर हैं और आपके अलावा पार्टी में कोई और नहीं है, जहां अपने मन की पीड़ा को बता सकें। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं पार्टी से अलग हो जाऊंगा।”

https://x.com/ChampaiSoren/status/1828806551244595574

बीजेपी में शामिल होने का राजनीतिक महत्व

चंपाई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से आदिवासी वोटों में पार्टी की सेंध लग सकती है। हालांकि, यह बदलाव पार्टी के भीतर खेमेबाजी को भी जन्म दे सकता है, जो पहले से ही बीजेपी के लिए चिंता का विषय है।

बीजेपी के कई नेता पहले से ही खेमेबाजी और स्थान को लेकर चिंतित हैं। लोकसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित कोई भी सीट न जीत पाने की असफलता के बाद, पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव की आवश्यकता महसूस की थी। चंपाई सोरेन का पार्टी में शामिल होना एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जिससे आदिवासी मतदाताओं को पार्टी की ओर आकर्षित किया जा सके।

झामुमो में खलबली

चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद झामुमो में खलबली मच गई है। पार्टी के भीतर उनकी विदाई से विभिन्न खेमों के बीच विवाद और भी बढ़ सकते हैं। सोरेन की चिट्ठी ने यह संकेत भी दिया है कि उनकी पार्टी के प्रति भावनात्मक जुड़ाव था, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें इस कदम को उठाने के लिए मजबूर कर दिया।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि चंपाई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना और झामुमो से इस्तीफा देना झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि यह राजनीतिक कदम किस प्रकार की नई दिशा और धारणा पैदा करेगा। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि बीजेपी अपनी नई भर्ती के साथ किस प्रकार की रणनीतियाँ अपनाती है और झामुमो इस बदलाव का सामना कैसे करती है।

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