KNEWS DESK- केंद्र सरकार ने बुधवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिससे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का रास्ता साफ हो गया है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस कदम के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह भारत की संसदीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार होगा।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
भाजपा के अन्य नेताओं ने भी इस निर्णय का स्वागत किया। पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि लगातार चुनावों के कारण धन और समय की बर्बादी होती है, और यह कदम इस समस्या का समाधान करेगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इस पहल को दशकों पुरानी समस्या का समाधान बताया, और मोदी सरकार की गारंटी पूरी होने की बात की।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह ने भी प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह निर्णय लंबे समय से नागरिकों और राजनीतिक दलों की मांग थी। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में भी मोदी जनहितैषी निर्णय लेते रहेंगे।
कांग्रेस की आलोचना
हालांकि, कांग्रेस ने इस निर्णय की आलोचना की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के संगठन में कभी भी चुनाव नहीं होते, और कांग्रेस का आधिकारिक बयान इस मुद्दे पर आगे आएगा। भाजपा के इस ऐतिहासिक कदम को संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को अब कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार भारतीय लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए सक्रिय है और चुनावी प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।
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