KNEWS DESK- सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड और सॉल्वर के तौर पर काम करने वाले दो एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि इन गिरफ्तारियों के साथ ही मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में अनियमितताओं से जुड़े छह मामलों में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 21 हो गई है।
उन्होंने बताया कि शनिवार को गिरफ्तार किए गए दो दो सॉल्वर की पहचान भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार के तौर पर हुई है।
उन्होंने हजारीबाग में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के ट्रंक से इंजीनियर पंकज कुमार के चुराए गए पेपर सॉल्व किए थे। ये दोनों “सॉल्वर” पांच मई को हजारीबाग में मौजूद थे, जिस दिन देशभर में नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसमें पांच एमबीबीएस छात्र पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि आंसर की नीट-यूजी उम्मीदवारों को दी गई थी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि पासवान पेपर लीक मामले में किंगपिन और मास्टरमाइंड में से एक है। पेपर लीक मामले को बिहार पुलिस से सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया था। सीबीआई पहले ही पेपर चुराने वाले पंकज कुमार और इसमें उसकी मदद करने वाले राजू सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है। मास्टरमाइंड में से एक रॉकी को भी एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को इसने हजारीबाग में सुरेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया, जिसने कुमार की मदद की थी।
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी ने छह केस दर्ज किए। बिहार में दर्ज एफआईआर पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज बाकी एफआईआर उम्मीदवारों की जगह पर परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं। बता दें, इस साल, परीक्षा पांच मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। इस परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे।
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