KNEWS DESK- टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की टेंशन आज बढ़ सकती है। आपको बता दें कि ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में टीएमसी सांसद महुआ फंसी हुईं हैं और अब ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है जिसे आज संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में पेश किया जाएगा।
इससे पहले, ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में महुआ के खिलाफ रिपोर्ट को 4 दिसंबर को पेश किया जाना था हालांकि, ऐसा नहीं हो पाया। अब लोकसभा सचिवालय की तरफ से शुक्रवार को उठाए जाने वाले मुद्दों और एथिक्स कमेटी की तरफ से पेश की जाने वाली रिपोर्ट को लिस्ट कर दिया गया है।
विपक्षी दलों ने महुआ मोइत्रा पर फैसला लेने से पहले एथिक्स पैनल की सिफारिशों पर संसद में चर्चा की मांग की है। बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने गुरुवार को कहा कि अगर रिपोर्ट पेश की जाती है, तो हम पूर्ण चर्चा पर जोर देंगे क्योंकि मसौदा ढाई मिनट में अपनाया गया था।
9 नवंबर को एक बैठक में विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमेटी ने महुआ के खिलाफ रिपोर्ट को अपनाया। इस रिपोर्ट में कैश-फॉर-क्वेरी मामले में आरोपों को देखते हुए महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में तैयार की गई रिपोर्ट 500 पन्नों की है, जिसे पिछले महीने 6:4 की बहुमत के साथ अपनाया गया था।
कांग्रेस पार्टी से निलंबित होने वाली सांसद परनीत कौर सहित पैनल के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में वोट किया। विपक्षी दलों से जुड़े हुए पैनल के चार सदस्यों ने रिपोर्ट के खिलाफ वोट किया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महुआ मोइत्रा के खिलाफ तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्होंने 2019 से लेकर 2023 के दौरान चार बार यूएई की यात्रा की। इस दौरान उनके पार्लियमेंट लॉगिन क्रेडेंशियल का कई बार वहां से इस्तेमाल किया गया। सूत्रों के मुताबिक, महुआ के लॉगिन क्रेडेंशियल का दुबई से 47 बार इस्तेमाल किया गया।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में महुआ पर गिफ्ट के बदले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया गया।
दानिश अली और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने इस रिपोर्ट का विरोध किया है। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए और कहा कि निशिकांत दुबे की तरफ से जो शिकायत दी गई, उसे लेकर कोई ठोस सबूत नहीं है।
महुआ मोइत्रा को तभी निष्कासित किया जा सकता है, जब सदन पैनल की सिफारिश के पक्ष में वोट करे। ऐसे में उनकी किस्मत का फैसला बस कुछ ही दिन में हो जाएगा।
ये भी पढ़ें- पंजाब सरकार फरिश्ते योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार