KNEWS DESK, रामनवमी के जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में दो गुटों के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त हो गया है. इसी क्रम उसने राज्य में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए.
हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए कहा, “ममता सरकार ये सुनिश्चित करें कि हनुमान जयंती के दौरान निकाले जाने वाले जुलूस में कानून और व्यवस्था की ऐसी स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए. जिन इलाकों में सरकार धारा 144 लगाती है उन इलाकों से किसी भी कीमत में जुलूस नहीं निकलना चाहिए. अगर व्यवस्था को संभालने में राज्य सरकार सक्षम नहीं है तो उन इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए.”
क्या बोली राज्य की सीएम ममता बनर्जी?
बीते दिनों रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल के हुगली और हावड़ा जिलों में हिंसा हुई थी. राज्य की सीएम ने इस हिंसा को लेकर राज्य में प्रतिद्वंदी दल बीजेपी पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, हुगली और हावड़ा में हिंसा के पीछे बीजेपी का हाथ है. वे बंगाल में हिंसा के लिए अन्य राज्यों से गुंडों को लेकर आए, जो हमारी संस्कृति में नहीं है. वे एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा कर हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं. लेकिन दंगाइयों का कोई धर्म नहीं है, वे महज राजनीतिक गुंडे हैं. मैं हर किसी से शांति बरतने की अपील करती हूं.
पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिये बगैर उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, बीजेपी ने कहा था कि यदि वह बिहार में सत्ता में आएगी तो दंगाइयों को उल्टा लटका देगी. ममता ने हैरानगी जताते हुए सवाल पूछा कि क्या बीजेपी ऐसा कोई कदम अपने राजनीतिक गुंडो के लिए क्यों नहीं उठा रही है.