KNEWS DESK- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत किसानों को मिलने वाले कर्ज की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है, जो पहले 3 लाख रुपये थी। इस बदलाव का फायदा खासकर छोटे और मझोले किसानों को होगा, जो लंबे समय से KCC की लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
5 लाख रुपये तक बढ़ी KCC लिमिट
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को अब 5 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा, जो पहले 3 लाख रुपये तक सीमित था। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और किसानों को खेती के लिए आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस बदलाव के बाद किसानों को अपनी कृषि गतिविधियों के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकेगी, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और ग्रामीण मांग (रूरल डिमांड) में भी इजाफा होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की विशेषताएं
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को खेती के लिए समय पर और पर्याप्त उधार मिलता है। इसके तहत किसानों को कई लाभ मिलते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- सस्ती ब्याज दरें: KCC पर किसानों को ब्याज दरों में 2% की छूट मिलती है।
- क्विक रीपेमेंट इंसेंटिव: अगर किसान समय से पहले या समय पर लोन चुकाते हैं, तो उन्हें 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है।
- फसल बीमा, स्वास्थ्य बीमा, और दुर्घटना बीमा: इस योजना के तहत किसानों को फसल बीमा, दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा का भी कवर मिलता है।
- कम ब्याज दर: KCC के तहत किसानों को सालाना 4% की दर से लोन मिलती है, जो अन्य लोन विकल्पों से काफी कम है।
इस नई पहल से किसानों को अपने कृषि कार्यों में मदद मिलेगी, और उनके पास ज्यादा धन उपलब्ध होगा, जिससे वे बेहतर तकनीक, बीज, और उर्वरकों का उपयोग कर पाएंगे।
मखाना बोर्ड का गठन: बिहार के किसानों को मिलेगा लाभ
वित्त मंत्री ने बिहार के किसानों को एक और तोहफा देते हुए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया। मखाना बोर्ड के तहत किसानों को मखाना की खेती से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी, और इसके लिए किसानों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। इस कदम से बिहार के मखाना उत्पादकों को सीधा लाभ होगा और उनकी खेती को और अधिक उन्नत बनाया जा सकेगा।
बजट 2025 में किसानों के लिए की गई घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि सरकार कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर काम कर रही है। KCC लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना और मखाना बोर्ड का गठन, दोनों ही कदम किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस बजट के माध्यम से सरकार ने यह सिद्ध कर दिया कि किसानों की भलाई और उनकी मुश्किलों को दूर करना उसकी प्राथमिकता है।
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