KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव के नतीजे शनिवार को सामने आए, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने 6 सीटों पर जीत हासिल की। समाजवादी पार्टी (सपा) ने दो सीटों पर विजय प्राप्त की, जबकि राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को एक सीट मिली। इस उपचुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुल सका, जिसके बाद पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी अब देश में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए फर्जी वोट डाले जा रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उपचुनावों में फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक बसपा उपचुनावों का हिस्सा नहीं बनेगी।
EVM पर गंभीर आरोप
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को मिली करारी हार के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अब भविष्य में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए फर्जी वोट डाले जा रहे हैं। मायावती ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक चुनाव आयोग उपचुनावों में फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक उनकी पार्टी किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।
मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “पहले देश में चुनाव बैलट पेपर के जरिए होते थे, लेकिन अब ईवीएम के माध्यम से भी चुनावों में गड़बड़ी की जा रही है। यह लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता का दुरुपयोग करते हुए फर्जी वोट डाले जा रहे हैं, और यह केवल आम चुनावों तक सीमित नहीं है, बल्कि उपचुनावों में भी यही प्रक्रिया जारी है।
अपनी पार्टी की हार को लेकर भी दिया बयान
मायावती ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में अपनी पार्टी की हार को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि यूपी उपचुनाव में साफ तौर पर यह देखा गया कि ईवीएम के जरिए फर्जी वोट डाले गए, जिससे लोकतंत्र पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। मायावती ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस समस्या को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, जिससे जनता का विश्वास चुनाव प्रणाली से उठता जा रहा है।
लोकतंत्र की सुरक्षा की मांग
बसपा प्रमुख ने अपनी पार्टी के समर्थकों से भी यह अपील की कि वे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की लड़ाई को जारी रखें। उन्होंने कहा, “जब तक ईवीएम के माध्यम से होने वाली गड़बड़ी और फर्जी वोटिंग की समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक हमारी पार्टी उपचुनावों में हिस्सा नहीं लेगी।”
मायावती का यह ऐलान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। इससे पहले भी वह कई बार ईवीएम पर सवाल उठा चुकी हैं, और यह बयान उनकी पार्टी की चुनावी रणनीति में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है। बसपा की हार के बाद यह ऐलान कई अन्य विपक्षी दलों द्वारा भी समर्थन मिलने की संभावना को जन्म दे सकता है, जो पहले भी ईवीएम को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं।
क्या है EVM विवाद?
EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के खिलाफ विपक्षी दलों का आरोप है कि इसके माध्यम से चुनाव में गड़बड़ी हो सकती है। कई दलों ने ईवीएम को लेकर विभिन्न मंचों पर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं और इसको लेकर विवाद भी रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग और सरकार का कहना है कि EVM पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष है। बावजूद इसके, कई राजनीतिक दल इसके खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, और अब मायावती का यह बयान उस विवाद को फिर से हवा दे सकता है।
मायावती का चुनाव आयोग को अल्टीमेटम
मायावती ने चुनाव आयोग से यह मांग भी की कि वह उपचुनावों में फर्जी वोटिंग की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए। उनका कहना था कि जब तक चुनाव आयोग इस दिशा में सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक उनकी पार्टी चुनावों में भाग नहीं लेगी।