KNEWS DESK- भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है और महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में निचली अदालत की कार्यवाही को रद्द करने की अर्जी दी है। बृजभूषण ने छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मामलों की एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द करने की अपील की है। इस याचिका पर जस्टिस नीना बंसल गुरुवार (29 अगस्त) को सुनवाई करेंगी।
एफआईआर और आरोप पत्र को चुनौती
बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी याचिका में आरोप तय करने से संबंधित एफआईआर, आरोप पत्र और ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने यह भी मांग की है कि संबंधित एफआईआर और आरोपों को निरस्त किया जाए। उनका कहना है कि इन आरोपों और एफआईआर में कुछ गलतफहमियां हैं, जिन्हें कोर्ट में स्पष्ट किया जाना चाहिए।
डब्ल्यूएफआई निलंबन की याचिका पर केंद्र को समय
इस बीच, दिल्ली हाई कोर्ट ने डब्ल्यूएफआई के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को जवाब देने के लिए बुधवार को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है। केंद्र ने दिसंबर 2023 में डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से एक तदर्थ समिति गठित करने का अनुरोध किया था। केंद्र ने आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएफआई के नए पदाधिकारी चुने जाने के तीन दिन बाद, संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया था।
केंद्र ने इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा, यह कहते हुए कि वह पिछले साल डब्ल्यूएफआई में हुए चुनाव को चुनौती देने वाली कुछ पहलवानों की याचिका पर हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है। याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि केंद्र ने अदालत के पहले के निर्देशों की अनदेखी की है, जिसमें उसे जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था।
न्यायालय की स्थिति और अंतरिम आदेश
याचिकाकर्ता ने अनिश्चितकालीन निलंबन के आदेश को चुनौती दी है, यह आरोप लगाते हुए कि आदेश बिना कारण बताओ नोटिस के जारी किया गया था। वकील ने अदालत से इस मामले में एक अंतरिम आदेश पारित करने की अपील की। हालांकि, न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि दलीलों के बिना अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता और इस स्तर पर अंतरिम आदेश देने का कोई सवाल नहीं है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले और डब्ल्यूएफआई के निलंबन से जुड़ी याचिकाओं पर उच्च न्यायालय में सुनवाई जारी है। यह घटनाक्रम भारतीय खेल प्रशासन और राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।
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