KNEWS DESK- शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने शुक्रवार यानी आज कहा कि जिन कंपनियों पर ईडी और सीबीआई ने छापे मारे हैं, उनका पैसा बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में इस्तेमाल किया। संजय राउत ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में चुनाव चल रहे थे, तब पूर्व सीएम भूपेश बघेल के यहां गेमिंग और जुए को लेकर छापेमारी की गई थी, अब ये गेमिंग और गैंबलिंग कंपनियां 13 हजार करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद रही हैं और पैसा सत्ताधारी पार्टियों के बैंक में चला जाता है।
संजय राउत ने कहा कि ऐसी कई कंपनियां हैं जिन पर ईडी और सीबीआई ने छापे मारे हैं और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए से उनका पैसा सत्ताधारी पार्टियों के खातों में ट्रांसफर हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनावी बॉन्ड के अथॉराइज्ड सेलर भारतीय स्टेट बैंक ने 12 मार्च को चुनाव आयोग के साथ डेटा शेयर किया था।
चुनाव आयोग ने एसबीआई की तरफ से दिए गए आंकड़ों को दो हिस्सों में अपलोड किया है। ईसी की लिस्ट के मुताबिक फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने संभवत: सबसे ज्यादा 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। इसके बाद मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। फ्यूचर गेमिंग की जांच मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने की थी।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब चुनाव हो रहा था तो वहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर इसी मामले में रेड हो गई। गेमिंग ऐप के मामले में। मालूम हैं न? लेकिन यही गेमिंग ऐप, गेमिंग कंपनी गैंबलिंग कंपनी 13 हजार करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदते हैं और वो इस देश के सत्ताधारी पार्टी के खाते में वो पैसा जाता है। अब देखिए मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को कितना कॉन्ट्रैक्ट मिला है। हजार करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट देकर उनसे सैकड़ों करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा गया है, लिया गया है। ऐसी बहुत सी कंपनियां है जिसके ऊपर ईडी, सीबीआई ने रेड्स की है, एक्शन लिया है और उनका पैसा इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से राजनैतिक दलों के खाते में जाता है। खासकर के जो सत्ताधारी हैं उनके खाते में जाता है। तो प्रधानमंत्री जी का जो ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ का जो नारा है वो कहां जाता?
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