KNEWS DESK- देश के तमाम राज्यों में हो रही ईडी की छापेमारी पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत केंद्र सरकार पर जमकर भड़के हैं। उन्होंने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के यहां हुई छापेमारी की जिक्र किया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी को विधानसभा चुनावों में हार का डर सता रहा है जिस कारण सरकार ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है।
संजय राउत ने कहा कि ईडी हो या फिर सीबीआई, वर्तमान में आचार संहिता लागू हो गई है। यदि किसी राज्य में चुनाव होने हैं और वहां पर आचार संहिता लागू है। फिर भी इस तरीके से किसी पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बेटे को अरेस्ट किया जाता है, तो इसका क्या मतलब है उन्होंने कहा कि हमने 10 नाम दिए हैं। शिवाजी पार्क के सभा में भी हमने सूची दी थी। इसमें राहुल कुल, दादा भुसे, अब्दुल सत्तार, प्रफुल्ल पटेल, अजीत पवार, हसन मुश्रीफ के थे, उनके ऊपर रेड क्यों नहीं हुई।
शिवसेना सांसद ने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में जो लोग भारतीय जनता पार्टी को हराने वाले हैं, उनके ऊपर छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि ये केंद्रीय एजेंसियों का अब सिर्फ बीजेपी का पोलिंग एजेंट बनना ही बाकी रह गया है। बाकी सब कुछ तो हो चुका है। बता दें कि डोटासरा के खिलाफ पेपर लीक मामले में जबकि वैभव के ऊपर विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले को लेकर कार्रवाई की गई है।
कतर ने भारतीय नौसेना ने आठ पूर्व कर्मचारियों को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। इस पर संजय राउत ने कहा कि ये बहुत गंभीर मुद्दा है। नौसेना के आठ पूर्व अफसर कतर की जेल में हैं। पिछले कई महीनों से हमारी सरकार और विदेश मंत्रालय ने क्या किया है। उन्होंने कहा कि अगर उनके ऊपर गलत इल्जाम लगाकर उन्हें फंसाया गया है, तो ये हमारे लिए बहुत बड़ी चिंता की बात है।
संजय राउत ने कहा कि पूर्व अधिकारियों के ऊपर आरोप है कि वह इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है। इजरायल और हमास के युद्ध के बाद अचानक उन्हें मृत्यु दंड की सजा दी गई है। हिंदुस्तान सरकार की भूमिका के बाद आठ लोगों को फांसी दी गई है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है की सरकार को हमारे लोगों की जान बचानी चाहिए, नहीं तो उनका भी कुलभूषण जाधव जैसा केस हो जाएगा।
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