डिजिटल डेस्क- बिहार में शिक्षकों और छात्रों के बीच सत्र से गायब हो जाने की शिकायत के बाद सरकार ने राज्य में संचालित राजकीय विद्यालयों के नियमों में परिवर्तन कर दिया है। बताया जा रहा है कि सरकार को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि छात्र और शिक्षक सुबह हाजिरी लगाकर स्कूल से चले जाते थे। इस शिकायत पर सरकार ने अधिकारियों से निरीक्षण कराया तो शिकायत सही पाई गई। जानकारी के अनुसार ऐसा खेल राज्य के अधिकतर विद्यालयों में धड़ल्ले से हो रहा था। सरकार ने इसके समाधान के लिए विद्यालय नियमावली में परिवर्तन करते हुए शिक्षकों के लिए दो बार हाजिरी तो छात्रों के लिए तीन बार हाजिरी के नियम को अनिवार्य कर दिया है।
प्रक्रिया शुरू करने से पहले दी गई ट्रेनिंग
शिक्षकों को आनलाइन हाजिरी प्रतिदिन बनानी पड़ रही है। उसी तरह अब स्कूल में अध्ययनरत बच्चों की भी आनलाइन हाजिरी बनेगी। शिक्षा विभाग ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। विभाग ने हर स्कूल को टेबलेट जुलाई माह में ही वितरित कर दिया गया है, जिसके लिए शिक्षकों सहित प्रधान को भी ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया गया है। बच्चों की आनलाइन हाजिरी ई शिक्षा कोष पोर्टल पर ली जाएगी।
चेहरा होगा स्कैन, तब लगेगी हाजिरी
ई शिक्षाकोष पोर्टल पर बच्चों के चेहरे को स्कैन करके हाजिरी लगेगी। साथ ही बच्चों की ही तरह शिक्षकों की भी हाजिरी इसी टेबलेट से बनेगी। इससे शिक्षकों को अलग अलग मोबाइल से फेस स्कैनिंग करने की जरूरत नहीं पडेगी। बच्चों की आनलाइन हाजिरी सुबह में स्कूल आने वक्त, टिफिन में और छुट्टी से पहले ली जाएगी। इससे बच्चों की उपस्थिति का भी आंकड़ा सही दिखने लगेगा। कई बार मध्याह्न भोजन योजना का आंकड़ा व बच्चों की भौतिक उपस्थिति में बड़ा फर्क दिखता है।
क्या कहते हैं अधिकारी ?
बिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी हेमचंद्र ने बताया कि अब स्कूलों को विभाग हाईटेक बना रही है। स्कूलों में टैबलेट से ही बच्चों की हाजिरी आनलाइन ई शिक्षा कोष पोर्टल पर बनेगी। विभाग द्वारा हर स्कूल को टेबलेट दे दी गयी है। इसके लिए अलग से प्रधान शिक्षक व नोडल शिक्षक को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। अगस्त माह से ही बच्चों की उपस्थिति टैबलेट से बनने लगेगी