डिजिटल डेस्क- लगातार दो दिनों से जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ हुई सकारात्मक बातचीत के बाद कार्य बहिष्कार वापस लेने का फैसला किया। इसके साथ ही राज्य के सभी बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सामान्य चिकित्सा सेवाएं बहाल हो गई हैं। JDA अध्यक्ष सत्यम कुमार ने कहा कि डॉक्टरों का मकसद कभी भी मरीजों को परेशान करना नहीं था। वर्षों से लंबित मांगों को लेकर मजबूरी में हड़ताल करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से लिखित आश्वासन मिलने के बाद अब भरोसा है कि समस्याओं का समाधान निकलेगा।
चार सूत्रीय मांगों पर बनी सहमति
करीब 48 घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच चार सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी। इसके बाद एसोसिएशन ने तुरंत हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी। हड़ताल खत्म होने के साथ ही पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH), दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH), नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) और जेएलएन मेडिकल कॉलेज (JLNMCH) समेत सभी अस्पतालों में डॉक्टरों ने मरीजों की सेवा फिर से शुरू कर दी।
बिना इलाज कराए वापस लौटने को मजबूर हुए थे लोग
हड़ताल के दौरान अस्पतालों की व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रही थी। दूरदराज से इलाज के लिए आए सैकड़ों मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई लोग डॉक्टर न मिलने के कारण बिना इलाज ही लौट गए। अब सेवाएं शुरू होने से मरीजों को बड़ी राहत मिली है।
इन मांगों पर बनी सहमति
जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में बॉन्ड की अवधि घटाने, जुर्माने की राशि 10 लाख रुपये से अधिक न होने, मानदेय समय पर देने और कार्य परिस्थितियों को बेहतर करने की बातें शामिल थीं। सरकार द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद डॉक्टर अब काम पर लौट आए हैं।