KNEWS DESK- बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी नई सरकार का गठन कर दिया है। इस बार कैबिनेट में कुल 27 मंत्री शामिल किए गए हैं, जिसमें जातीय और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।
नीतीश कैबिनेट में राजपूत और दलित समुदाय से सबसे ज्यादा मंत्रियों को जगह दी गई है। इसके अलावा भूमिहार, कुशवाहा, कुर्मी, वैश्य, यादव और निषाद समुदायों के नेताओं को भी महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपे गए हैं।
राजपूत समुदाय-
चार मंत्री राजपूत समुदाय से हैं। जमुई की श्रेयसी सिंह, महुआ की संजय कुमार सिंह, आरा के संजय सिंह ‘टाइगर’, और धमदाहा के लेसी सिंह को कैबिनेट में शामिल किया गया है। इस बार राजपूत समुदाय के कुल 32 विधायक विधान सभा पहुंचे हैं।
दलित समुदाय–
चार दलित नेताओं को मंत्री बनाया गया है—भोरे के सुनील कुमार, एमएलसी अशोक चौधरी, लखेंद्र रौशन और बखरी के संजय पासवान। दलित समुदाय से कुल 36 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
कुशवाहा और कुर्मी समुदाय–
कुशवाहा और कुर्मी समुदाय के कुल 6 मंत्रियों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं इस गणना में शामिल हैं। कुशवाहा से सम्राट चौधरी, सुरेंद्र मेहता, और दीपक प्रकाश मंत्री बने हैं। कुर्मी से श्रवण कुमार को मंत्रालय मिला है।
वैश्य समुदाय–
वैश्य समुदाय के चार नेताओं—दिलीप जायसवाल, नारायण प्रसाद, प्रमोद कुमार, अरुण शंकर प्रसाद—को मंत्री बनाया गया है। ये सभी बीजेपी कोटे से हैं।
भूमिहार और ब्राह्मण–
तीन मंत्री इस समुदाय से हैं—विजय कुमार चौधरी, मंगल पांडे, विजय सिन्हा। इसके अलावा कायस्थ से नितिन नबीन, और मुसहर समुदाय से संतोष कुमार सुमन को मंत्री बनाया गया है।
निषाद और यादव समुदाय–
निषाद समुदाय से मदन सहनी और रमा निषाद, यादव समुदाय से रामकृपाल यादव और विजेंद्र यादव कैबिनेट में शामिल किए गए हैं।
इस बार कैबिनेट में महिला प्रतिनिधित्व पर भी ध्यान दिया गया है। महिलाओं की तरफ से श्रेयसी सिंह, लेसी सिंह और रमा निषाद को मंत्री बनाया गया है। अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व के तहत मुसलमान विधायक जमा खान को मंत्री बनाया गया है।