Bihar Budget 2025: बिहार सरकार आज पेश करेगी अपना आखिरी बजट, चुनावी साल में हो सकते हैं कई महत्वपूर्ण एलान

KNEWS DESK, बिहार विधानसभा में आज 2025 का बजट पेश किया जाएगा। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी सुबह 11 बजे नीतीश सरकार का बजट प्रस्तुत करेंगे। यह नीतीश सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट है, क्योंकि इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बजट का अनुमानित आकार 3.15 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है, और चुनावी वर्ष होने के कारण इस बजट में सरकार से कई महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है।

इस बजट में मुख्य फोकस महिलाओं, किसानों और युवाओं पर रहने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार की योजना नौकरी, रोजगार और शिक्षा पर भी जोर देने की हो सकती है। इसके अलावा, बुजुर्गों की पेंशन राशि में वृद्धि की संभावना है, और महिलाओं को विशेष आर्थिक सहायता देने की घोषणा की जा सकती है। बिहार के लोगों के लिए कई अन्य सौगातों की भी उम्मीद जताई जा रही है।

बजट से पहले, विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने सरकार से कुछ विशेष मांगें की हैं। उन्होंने कहा कि बजट में सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई, पर्यटन और खेल के लिए बड़ी राशि का प्रावधान किया जाना चाहिए। इसके अलावा, तेजस्वी यादव ने महिलाओं को 2500 रुपये, वृद्धा पेंशन को बढ़ाने और मुफ्त बिजली देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वृद्धा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया जाए और महिलाओं को 2500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाए, जैसा कि ‘माई-बहन योजना’ में था।

तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहते हुए वृद्धजनों और दिव्यांगों की पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि बिहार की महिलाएं गरीबी और अभाव में जी रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को वृद्धजन पेंशन योजना में मासिक पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करना चाहिए और दिव्यांग पेंशन योजना में भी ऐसा ही सुधार करना चाहिए।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हाल ही में नीतीश कुमार की कैबिनेट का विस्तार हुआ है, जिसमें बीजेपी के सात विधायकों को मंत्री बनाया गया है। नए मंत्रियों में संजय सरावगी, सुनील कुमार, जीवेश मिश्रा, कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह और मोतीलाल प्रसाद शामिल हैं। इस विस्तार में जातीय समीकरण का खास ध्यान रखा गया है, ताकि बीजेपी राजपूत, भूमिहार, कुर्मी, कुशवाहा और केवट जातियों को अपने पक्ष में कर सके। अब देखना यह होगा कि चुनावी जंग में इस कैबिनेट विस्तार का कितना असर होता है।

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