पीलीभीत एनकाउंटर में बड़ा खुलासा, पाकिस्तान कनेक्शन, यूके से आतंकियों को गाइड कर रहा था आतंकी सिद्धू

KNEWS DESK-  पीलीभीत जिले में पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों का संबंध खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े आतंकवादी कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू से पाया गया है। सिद्धू इंग्लैंड में बैठकर आतंकियों को भारत में आपराधिक गतिविधियों के लिए मदद पहुंचाता था। पंजाब के रूपनगर जिले के नंगल में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता विकास बग्गा की हत्या की साजिश में भी सिद्धू का हाथ था, जिसके चलते एनआईए ने उसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।

एनआईए और पुलिस की जांच में सामने आया है कि सिद्धू ने ही आतंकियों को उत्तर प्रदेश के पूरनपुर में एक होटल में रुकवाने के लिए इंग्लैंड से फोन करके गजरौला निवासी जसपाल उर्फ सनी को मदद के लिए भेजा था। जसपाल और उसके साथी दीपक ने इन आतंकियों को पूरनपुर के हरजी होटल में ठहराया था, जहां पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जसपाल की पहचान की और उसे गिरफ्तार किया।

पूछताछ में जसपाल ने सिद्धू के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं, जिसके बाद अब एनआईए, एटीएस और पुलिस सिद्धू के पूरनपुर कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही हैं। जांच का फोकस यह जानने पर है कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों जसनप्रीत, गुरविंदर सिंह और वरिंदर सिंह का सिद्धू से क्या संबंध था। पुलिस ने आतंकियों से दो मॉडीफाइड एके-47 राइफल्स, दो ग्लॉक पिस्टल और अन्य हथियार बरामद किए थे, जिससे उनके आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि होती है।

सिद्धू, जो यमुनानगर, हरियाणा का निवासी है, पाकिस्तान में स्थित खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख वधावा सिंह उर्फ बब्बर से जुड़ा हुआ है। सिद्धू के खिलाफ एनआईए ने पहले ही चार्जशीट दाखिल की थी और अब उसकी तलाश तेज कर दी गई है। सिद्धू ने 13 अप्रैल को विहिप नेता विकास बग्गा की हत्या की साजिश रची थी, जिसे गुरुद्वारे के पास एक हलवाई की दुकान पर अंजाम दिया गया था।

इस घटना के बाद, हरियाणा पुलिस ने कुछ महीने पहले पूरनपुर का दौरा किया था, ताकि सिद्धू के संपर्क और आतंकियों से उसके रिश्ते का खुलासा किया जा सके। पुलिस और एनआईए की टीमें सिद्धू के खिलाफ जांच को और आगे बढ़ाते हुए उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

यह पूरी घटना आतंकवाद और देश की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां सिद्धू के अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क को तोड़ने के लिए अपनी मुहिम तेज कर चुकी हैं।

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