आज़म खान को बड़ी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्वालिटी बार कब्ज़ा मामले में मंजूर की जमानत

डिजिटल डेस्क- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक रहे आज़म खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार पर अवैध कब्ज़े के मामले में हाईकोर्ट ने गुरुवार को उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली। न्यायमूर्ति समीर जैन की बेंच ने यह आदेश पारित किया। इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आज़म खान ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। उनकी ओर से अधिवक्ता इमरानउल्लाह ने दलील दी कि यह मुकदमा पूरी तरह राजनीतिक रंजिश का परिणाम है। एफआईआर वर्ष 2019 में दर्ज हुई थी, जबकि आज़म खान को 2024 में आरोपित बनाया गया।

अपर महाधिवक्ता ने जमानत का किया विरोध

वहीं, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आज़म खान का आपराधिक इतिहास लंबा है और घटना के समय वे नगर विकास मंत्री पद पर रहते हुए अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे थे। यह मामला रामपुर सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के सईद नगर हरदोई पट्टी स्थित क्वालिटी बार पर कथित अवैध कब्ज़े से जुड़ा है। राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह की शिकायत पर 2019 में मुकदमा दर्ज हुआ था। शुरुआती जांच में चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी, आज़म खान की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म खान को नामजद किया गया था। बाद में विवेचना के दौरान आज़म खान को भी आरोपी बनाया गया।

जल्द ही जेल से बाहर आने की उम्मीद

हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद अधिवक्ता इमरानउल्लाह ने कहा कि अब तक दर्ज लगभग सभी मामलों में आज़म खान की जमानत हो चुकी है और बहुत जल्द उनके जेल से बाहर आने की उम्मीद है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही आज़म खान को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट से भी राहत मिली थी, जब 2020 में दर्ज अदालत की अवमानना के केस में उन्हें बरी कर दिया गया। हालांकि 2008 के रोड जाम मामले से जुड़े मूल मुकदमे में उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को 2 साल की सज़ा सुनाई जा चुकी है। इस फैसले के खिलाफ उनकी याचिका फिलहाल हाईकोर्ट में लंबित है।