डिजिटल डेस्क- उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले दो तटस्थ दलों चंद्रशेखर राव की भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) और नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) ने मतदान से दूरी बनाने का ऐलान कर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। दोनों ही दलों ने स्पष्ट किया कि वे न तो एनडीए और न ही इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं और दोनों गठबंधनों से समान दूरी बनाए रखेंगे।
BRS का रुख – “नोटा होता तो वही चुनते”
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने सोमवार को कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला तेलंगाना में यूरिया की कमी से जूझ रहे किसानों की पीड़ा को उजागर करने का तरीका है। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर किसानों की समस्या का समाधान न करने का आरोप लगाया। केटीआर ने कहा कि किसानों को यूरिया की कमी के चलते कतारों में धक्का-मुक्की करनी पड़ रही है। अगर उपराष्ट्रपति चुनाव में NOTA का विकल्प होता तो हम वही चुनते।
BJD का बयान – “हमारी प्राथमिकता ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोग”
वहीं बीजद नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक और वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श के बाद बीजद ने मतदान से दूरी बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बीजद की प्राथमिकता ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोगों का विकास और कल्याण है। हम NDA और इंडिया ब्लॉक दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव की महत्वपूर्ण बातें
- चुनाव 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
- इंडिया ब्लॉक ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है।
- एनडीए ने सी.पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है।
- चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान करेंगे।
- उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के तहत संपन्न होता है।