बिहार में जेडीयू को बड़ा झटका, अली अनवर अंसारी और ‘माउंटेन मैन’ के बेटे कांग्रेस में हुए शामिल

KNEWS DESK –  बिहार में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को बड़ा झटका देते हुए पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी और ‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी के बेटे भगीरथ मांझी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। इनके साथ ही कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और नेता भी कांग्रेस में शामिल हुए। इस मौके पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा और बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सभी का स्वागत किया।

अली अनवर अंसारी

अली अनवर अंसारी, जो जेडीयू के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं और 2006 से 2017 तक राज्यसभा सांसद के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, ने कहा कि राहुल गांधी के विचारों ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के विचारों से बिहार में दलित, आदिवासी, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों में नया जोश आया है। उनके प्रयासों से पसमांदा समाज पर अब देश-विदेश में शोध हो रहा है।”

‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी के बेटे ने चुनी कांग्रेस

भगीरथ मांझी, जो पहले जेडीयू से जुड़े थे, अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। हाल ही में पटना में आयोजित ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ के दौरान उनकी मुलाकात राहुल गांधी से हुई थी। राहुल गांधी ने भगीरथ मांझी को सम्मानित भी किया था। मांझी के कांग्रेस में आने से पार्टी को दलित और आदिवासी वर्ग में मजबूती मिलने की उम्मीद है।

अन्य प्रमुख हस्तियां भी हुईं कांग्रेस में शामिल

इस अवसर पर कई अन्य नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस का दामन थामा:

  • डॉ. जगदीश प्रसाद: प्रसिद्ध हार्ट सर्जन और भारत सरकार में पूर्व स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक।
  • मनोज प्रजापति: अखिल भारतीय प्रजापति कुंभकार संघ के अध्यक्ष।
  • निशांत आनंद: आम आदमी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता।
  • निखत अब्बास: भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता।
  • फ्रैंक हुजूर: प्रख्यात लेखक और पत्रकार।

राहुल गांधी की विचारधारा बनी आकर्षण का केंद्र

कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं का कहना है कि वे राहुल गांधी की विचारधारा से प्रभावित हैं। अली अनवर अंसारी ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। बिहार में कांग्रेस ने इन नेताओं को शामिल कर बड़ी राजनीतिक चाल चली है। राज्य में लोकसभा चुनाव से पहले यह कदम कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है।

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