भोपाल होटल कांड: यौन उत्पीड़न के आरोपी डिप्टी कमिश्नर पंकज कुमार सेवा से बर्खास्त, विभागीय जांच में दोषी हुए साबित

डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश सरकार ने छह साल पुराने भोपाल होटल यौन उत्पीड़न मामले में बड़ा कदम उठाते हुए डिप्टी कमिश्नर (राज्य कर) पंकज कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई विभागीय जांच समिति की 37 पन्नों की रिपोर्ट सामने आने के बाद की गई, जिसमें पंकज कुमार को महिला जीएसटी अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और यौन उत्पीड़न की कोशिश के आरोपों में पूरी तरह दोषी पाया गया। घटना अगस्त 2018 की है, जब नोएडा जीएसटी में तैनात एक महिला अधिकारी को पंकज कुमार ने काम के बहाने भोपाल बुलाया था। आरोप है कि 5 अगस्त की देर रात जहानुमा पैलेस होटल के कमरे में पंकज कुमार ने महिला अधिकारी के साथ गाली-गलौज की, हाथापाई की और यौन उत्पीड़न का प्रयास किया। महिला अधिकारी ने हिम्मत दिखाते हुए तुरंत कमलानगर थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने IPC की धारा 294, 323 और 376 के प्रयास के तहत केस दर्ज कर पंकज कुमार को अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया था।

6 अगस्त 2018 को किया गया था निलंबित

गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 6 अगस्त 2018 को उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और साथ ही उत्तर प्रदेश शासन सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत विभागीय जांच शुरू की गई। कई चरणों में साक्ष्य, बयान और घटनास्थल से जुड़े तथ्यों की समीक्षा के बाद जांच समिति ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की, जिसमें पंकज कुमार पर लगे सभी आरोपों को सही पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने सबसे कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। यह विभागीय स्तर पर दी जाने वाली सबसे बड़ी सजा है।

महिला अधिकारी ने सरकार के फैसले पर जताया संतोष

अधिकारियों के अनुसार, पंकज कुमार के खिलाफ चल रहा आपराधिक मुकदमा अभी न्यायालय में विचाराधीन है और वहां भी उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। उधर, पीड़ित महिला अधिकारी ने सरकार के इस फैसले पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “छह साल तक मैंने और मेरे परिवार ने कई तरह की बातें और तनाव झेला, लेकिन सच की जीत पर भरोसा नहीं छोड़ा। आज बर्खास्तगी की खबर ने साबित कर दिया कि न्याय मिलता है। यह फैसला सिर्फ मेरे लिए नहीं, उन सभी महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है जो कार्यस्थल पर सुरक्षा चाहती हैं।”

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