KNEWS DESK- संसद का शीतकालीन सत्र आज से प्रारंभ हो चुका है। 19 दिसंबर तक चलने वाले इस संक्षिप्त सत्र में दोनों सदनों की 15-15 बैठकें होंगी। सरकार इस सत्र में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने वाले महत्वपूर्ण विधेयक सहित कुल 14 बिल पेश करने की तैयारी में है। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र, संसद और विपक्ष- तीनों के लिए अहम संदेश दिए।
सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि “डेमोक्रेसी कैन डिलीवर”। उन्होंने इसे विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक और बड़ा कदम बताया। पीएम ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र देश के विकास प्रयासों में नई ऊर्जा भरने का मौका है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष को स्पष्ट और सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले। यह सत्र हार की हताशा या जीत के अहंकार का मंच नहीं होना चाहिए, यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए, सदन में नारे नहीं, राष्ट्रनीति की चर्चा हो।
उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी के सांसदों को अनुभवी नेताओं से सीखने का अवसर मिलना चाहिए और सदन का माहौल सकारात्मक रहना चाहिए। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह विपक्ष को इस बात पर सुझाव देने के लिए तैयार हैं कि सदन में प्रभावी प्रदर्शन कैसे किया जाता है। उन्होंने कहा कि सदन हंगामे के लिए नहीं है। नारेबाजी के लिए पूरा देश खाली है। विपक्ष रणनीति बदले, जिम्मेदारी निभाए। उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है और संसद की सकारात्मक भूमिका इससे भी महत्वपूर्ण बन जाती है।
सरकार जिन प्रमुख बिलों पर फोकस कर रही है, उनमें शामिल हैं- परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी का विधेयक। आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े कई सुधारकारी बिल। तीन से अधिक विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा नीति को मजबूत करने से जुड़े। सरकार का कहना है कि ये बिल भविष्य की विकास रणनीति के केंद्र में होंगे।