KNEWS DESK – इन दिनों बांग्लादेश हिंसा की आग में झुलस रहा है। इसी बीच बड़ी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है| बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हो गए हैं| प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘गणभवन’ में महल में घुसने के बाद बिस्तर पर सोते देखा गया।
इस्तीफा देने के बाद प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास में की तोड़फोड़
आपको बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास में तोड़फोड़ की। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने घोषणा की कि शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद अंतरिम सरकार ने देश की सत्ता संभाल ली है। दरअसल नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई। हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट पर बैन लगाया गया है। सेना पूरे देश में तैनात हो गई है।
सेना कानून एवं व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी..
हसीना के देश छोड़ने की खबरों के बीच जनरल वकार-उज़-ज़मान ने कहा, “मैं देश की जिम्मेदारी ले रहा हूं। कृपया सहयोग करें।” शेख हसीने के संबंध में अपुष्ट खबरें चल रही हैं कि इस्तीफे के बाद वे भारत में शरण ले सकती हैं। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने कहा कि हसीना के इस्तीफा देने के बाद उनकी कई नेताओं से मुलाकात हुई और उन्होंने उनसे कहा है कि सेना कानून एवं व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी। हालांकि, इस बैठक में हसीना की अवामी लीग पार्टी का कोई नेता नहीं था।
शेख हसीना साल 2009 से बांग्लादेश पर शासन कर रही थीं।
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्हमान की 76 साल की बेटी शेख हसीना साल 2009 से बांग्लादेश पर शासन कर रही थीं। वह जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया और उनके सहयोगियों की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के बहिष्कार के बीच रिकॉर्ड लगातार चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार चुनी गईं।
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में 100 से ज्यादा लोग मारे गए
पिछले दो दिनों में हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। देश में विवादित कोटा सिस्टम को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं, जो 1971 के मुक्ति युद्ध लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों के लिए नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देता है। देश भर में प्रदर्शन बढ़ने पर सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने कहा कि सेना और पुलिस को गोली नहीं चलाने को कहा गया है।
हसीना के सत्ता से बाहर होने का जश्न मनाते हुए सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोग
सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान की घोषणा के तुरंत बाद सैकड़ों लोग हसीना के सत्ता से बाहर होने का जश्न मनाते हुए सड़कों पर उतर आए। इससे पहले सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘गणभवन’ पर धावा बोल दिया। वीडियो में प्रदर्शनकारियों को हसीना के आधिकारिक आवास को लूटते हुए दिखाया गया। वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारियों को गणभवन से कुर्सियां और सोफे को लूटते हुए देखा गया।
बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि राजधानी ढाका में हसीना के पार्टी कार्यालय 3/ए धनमंडी को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री असदुज्जमां खान के घर में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने हसीना के सत्ता से जाने का जश्न मनाते हुए उनके पिता शेख मुजीबुर्हमान की मूर्ति को भी तोड़ दिया।