उत्तराखंड: कांवड़ यात्रा विवाद पर बोले बाबा रामदेव, ‘जब मुझे अपनी पहचान बताने में दिक्कत नहीं है तो रहमान को क्यों?

KNEWS DESK – बाबा रामदेव ने रविवार को पतंजलि योगपीठ में अपने अनुयायियों के साथ गुरु पूर्णिमा मनाई। इस दौरान उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले सभी दुकानदारों को अपनी पहचान लिखने का निर्देश दिया गया है, जिस पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सभी को अपने नाम पर गर्व होता है, जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई आपत्ति नहीं है तो फिर रहमान को क्यों है। हर किसी को अपना काम शुद्धता और प्रामाणिकता के साथ करना चाहिए फिर चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम कोई फर्क नहीं पड़ता।

हर किसी को अपने नाम पर गर्व है

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल और ढाबों पर मालिकों को अपने नाम लिखने के निर्देश दिये हैं| जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है| कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर रामदेव की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा, “जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है, तो रहमान को क्यों दिक्कत होनी चाहिए? हर किसी को अपने नाम पर गर्व है। इसलिए अपना नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है, जरूरत है अपने काम को पवित्रता और ईमानदारी से करने की। अगर हमारे काम में पवित्रता है तो हम समाज के किसी भी वर्ग से हों, ब्राह्मण, क्षत्रिय, दलित, आदिवासी या कुछ भी, हम भारतीय हैं और हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी को अपनी पहचान पर गर्व होना चाहिए।”

शुक्रवार को पूरे राज्य में आदेश लागू

मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को पूरे राज्य में विवादास्पद आदेश लागू कर दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में भी इसी तरह के निर्देश पहले से ही लागू हैं।

प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने वाले आदेश की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह दलित समुदाय को छुआछूत का शिकार होना पड़ा है, उसी तरह मुसलमानों के साथ भी जानबूझकर ऐसा ही व्यवहार करने की कोशिश की जा रही है।

About Post Author