KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हाल ही में हुए सांप्रदायिक तनाव और ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर विवाद पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खां ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। आज़म खां ने इस विवाद को एक “सोची-समझी साजिश” करार दिया है और राज्य प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
रामपुर में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान आज़म खां ने कहा कि अगर प्रशासन चाहता तो बातचीत के ज़रिए यह विवाद सुलझ सकता था। “अगर मैं इसे चिंगारी कहूं भी, तो सवाल है कि यह छोटी-सी बात इतनी बड़ी आग कैसे बन गई? इतिहास गवाह है कि हल बातचीत से ही निकलता है। यह ज़रूरी नहीं कि हर बात टकराव से सुलझे।”
सपा नेता ने दो टूक कहा कि यह पूरा विवाद देश की साझी संस्कृति और सांप्रदायिक सौहार्द को चोट पहुंचाने की कोशिश है। “यह देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को तोड़ने की साजिश है। जो लोग समाज को बांटना चाहते हैं, वह ऐसे मुद्दों को हवा देते हैं। अगर कोई किसी से मोहब्बत करता है, तो ये उसका जन्मसिद्ध अधिकार है। मोहब्बत पर पाबंदी लगाना न इंसानियत है, न लोकतंत्र।”
यह विवाद 4 सितंबर 2025 को कानपुर के सैयद नगर में बारावफात (ईद-मिलादुन्नबी) के जुलूस के दौरान शुरू हुआ था, जब एक टेंट पर ‘I Love Mohammad’ लिखा बैनर रामनवमी शोभायात्रा गेट के सामने लगाया गया। हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और बाद में बैनर फाड़ने की घटना के बाद तनाव और बढ़ गया। अगले दिन कुछ युवकों पर धार्मिक पोस्टर फाड़ने का आरोप लगा, जिसके बाद पुलिस ने 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज की। धीरे-धीरे यह विवाद उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों और देश के कुछ हिस्सों में भी तनाव का कारण बना।