डिजिटल डेस्क- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो पैन कार्ड मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है। फैसला सुनाए जाने से पहले ही आजम खान अदालत पहुंच गए थे, जबकि वादी और बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना भी कोर्ट में मौजूद रहे। यह मामला अब्दुल्ला आजम द्वारा दो अलग-अलग जन्म तिथियों पर आधारित दो पैन कार्ड बनवाने का है। विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि अब्दुल्ला ने दो जन्म तिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड हासिल किए थे। सक्सेना का आरोप था कि यह न केवल कानूनी अपराध है बल्कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश भी है। उनके मुताबिक, अब्दुल्ला ने चुनावी हलफनामों में गलत जानकारी देकर लाभ उठाने का प्रयास किया। इस मामले में आजम खान को भी आरोपी बनाया गया था, क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने ही बेटे के लिए गलत दस्तावेज उपलब्ध कराए।
एमपी-एमएलए कोर्ट का बड़ा फैसला
मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे को दोषी पाया और प्रत्येक को 7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला आजम खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब वह दो महीने पहले ही कई अन्य मामलों से जमानत पाकर जेल से बाहर आए थे। आजम खान कानूनी लड़ाइयों के कारण लंबे समय से सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में हेट स्पीच मामले में उन्हें राहत मिली थी, जब कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था, लेकिन दो पैन कार्ड केस में आया यह फैसला उनकी मुश्किलें फिर बढ़ा सकता है।
आजम खान और परिवार पर दर्ज हैं दर्जनों मामले
आजम खान पर कुल 104 केस दर्ज हैं। वहीं उनके बड़े बेटे अदीब आजम पर 20 से अधिक और छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम पर लगभग 40 मामले दर्ज हैं। उनकी पत्नी भी 30 मामलों में आरोपी हैं। कई मामलों में परिवार को राहत मिली है, जबकि कुछ मामलों में सुनवाई जारी है। दो पैन कार्ड मामले में सजा सुनाए जाने के बाद आजम खान और उनका परिवार अब इस फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है। राजनीतिक रूप से भी यह फैसला बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि यह मामला लंबे समय से उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा मुद्दा बना हुआ था।