डिजिटल डेस्क- इंडिगो एयरलाइंस में जारी गहरी तकनीकी और ऑपरेशनल गड़बड़ियों ने पूरे देश के हवाई सफर को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले चार दिनों में 1700 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं। जरूरी काम, मेडिकल इमरजेंसी से लेकर शादी-ब्याह जैसे निजी कार्यक्रमों तक लोग समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस स्थिति ने हवाई अड्डों को मानो रेलवे स्टेशन में बदल दिया है, जहां हर तरफ भीड़, हड़कंप और अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिल रहा है। फ्लाइट रद्द होने के कारण एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्री फर्श पर बैठने और सोने को मजबूर हैं। यात्रियों की शिकायत है कि एयरलाइंस न तो होटल की सुविधा दे रही है और न ही भोजन-पानी की व्यवस्था कर रही है। जगह-जगह सूटकेस और बैगों का ढेर लगा है और परेशान यात्री किसी सुनवाई का इंतजार करते दिख रहे हैं। इंडिगो ने सार्वजनिक रूप से माफी जरूर मांगी है, लेकिन हालात अभी भी सामान्य होने से दूर हैं। आज भी सैकड़ों उड़ानें रद्द होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
सभी एयरलाइंस को अनिवार्य रूप से मानने होंगे नियम
इस संकट के बीच कई निजी एयरलाइंस ने मौके का फायदा उठाते हुए टिकट के दाम आसमान छूने तक बढ़ा दिए थे, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई। इसी मनमानी पर रोक लगाते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने तुरंत नई किराया सीमा लागू कर दी है, जिसे सभी एयरलाइंस को अनिवार्य रूप से मानना होगा। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि स्थिति सामान्य होने तक यह नियम जारी रहेगा और किरायों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। किसी भी तरह की गड़बड़ी पर संबंधित एयरलाइन पर तुरंत कार्रवाई होगी। सरकार ने साफ कहा है कि यात्रियों को महंगे टिकट के बोझ से बचाना उसकी पहली प्राथमिकता है।
संकट को देखते हुए आगे आया साउथ ईस्टर्न रेलवे
इंडिगो संकट से बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे भी मदद के लिए आगे आया है। साउथ ईस्टर्न रेलवे ने कई विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की है, ताकि यात्रियों के दूसरे शहरों तक पहुंचने के मार्ग खुले रहें। रेलवे ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को इन विशेष ट्रेनों की जानकारी एयरपोर्ट डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाने का निर्देश भी दिया है, ताकि परेशान यात्रियों को तुरंत वैकल्पिक विकल्प मिल सके।