माओवादी पर प्रहारः दूसरे दिन भी सात माओवादी ढेर, 50 से अधिक गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क- आंध्र प्रदेश में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का व्यापक अभियान लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। कुख्यात माओवादी कमांडर माड़वी हिड़मा के मारे जाने के एक दिन बाद, बुधवार सुबह मारेदुमिल्ली इलाके में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें सात माओवादी ढेर कर दिए गए। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। सभी मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। राज्य खुफिया विभाग के एडीजी महेश चंद्र लड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मारे गए माओवादियों में एक प्रमुख नाम मेतुरी जोखा राव उर्फ ‘टेक शंकर’ का है। श्रीकाकुलम निवासी शंकर आंध्र-ओडिशा बॉर्डर ज़ोन में माओवादी तकनीकी इकाई का नेतृत्व कर रहा था। उसके पास हथियारों की मरम्मत, संचार तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का गहरा ज्ञान था। पिछले 20 वर्षों से वह माओवादी आंदोलन का सक्रिय हिस्सा था और सुरक्षा अभियानों के दौरान बार-बार ठिकाने बदलता रहा।

50 से अधिक सक्रिय माओवादी कार्यकर्ता गिरफ्तार

अधिकारियों के अनुसार, बुधवार सुबह करीब सात बजे सुरक्षा बलों ने जंगल में मौजूद माओवादी दल को घेरकर जवाबी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन ने नक्सलियों के नेटवर्क को बड़ा नुकसान पहुंचाया है और अनुमान है कि शंकर दक्षिण भारत में माओवादी गतिविधियों को दोबारा मजबूत करने की कोशिश कर रहा था। इसी अभियान के तहत आंध्र प्रदेश पुलिस ने राज्य के कई जिलों कृष्णा, एलुरु, एनटीआर विजयवाड़ा, काकिनाड़ा और डॉ. बीआर आंबेडकर कोणासीमा में संयुक्त कार्रवाई करते हुए 50 से अधिक भाकपा (माओवादी) कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इनमें कई वरिष्ठ सदस्य, संचार विशेषज्ञ, सशस्त्र प्लाटून में शामिल लोग और संगठन के सक्रिय समर्थक शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इनमें से अधिकांश लोग माड़वी हिड़मा के बेहद करीबी सहयोगी थे और दंडकारण्य क्षेत्र में उसकी गतिविधियों को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। गिरफ्तारी से नक्सलियों के दक्षिण बस्तर और आंध्र क्षेत्रों में फैले नेटवर्क को भारी धक्का पहुंचा है।

एक दिन पहले ढेर हुआ था कुख्यात हिड़मा

इससे पहले मंगलवार को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षा बलों ने एक करोड़ के इनामी और बटालियन नंबर-1 के कमांडर माड़वी हिड़मा को एक ऑपरेशन में मार गिराया था। उसके साथ उसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का समेत छह नक्सली ढेर हुए थे। मौके से दो एके-47, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की गई थी। बताते चलें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में जन्मा माड़वी हिड़मा 16 वर्ष की उम्र में ही नक्सल संगठन से जुड़ गया था। कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड और नक्सलियों की सबसे खतरनाक टुकड़ी बटालियन-1 का कमांडर था। उसकी मौत को सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सल मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि बताया है।